Agra. आगरा-झांसी रेलवे लाइन नगला पुलिया से रास्ते की मांग को लेकर पिछले 7 दिनों से शिवनगर, नरीपुर, ख़्वासपुरा सहित दर्जन भर मोहल्लों के लोग धरना दे रहे हैं। पिछले 6 दिनों में धरना देने के बावजूद नगला पुलिया पर अंडरपाथ की मांग को लेकर कोई बात न बनने और स्थानीय प्रशासन व रेलवे अधिकारियों की उदासीनता से नाराज होकर धरने पर बैठे लोगों ने सातवें दिन गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों का पुतला फूंक दिया। इस दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की और इस लड़ाई को जारी रखने का ऐलान कर दिया।
धरना स्थल पर हुई महापंचायत
पुतला फूंकने से पहले आक्रोशित लोगों ने धरना स्थल पर ही महापंचायत का आयोजन किया। इस महापंचायत में रेलवे ट्रैक के दोनों ओर के मोहल्ले और कॉलोनियों के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। महापंचायत के दौरान जनप्रतिनिधि और जिला व रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ तीखा आक्रोश व्यक्त किया गया।
पुतले को फांसी देने के बाद फूंका
नगला पुलिया पर अंडरपास की मांग को लेकर कोई सुनवाई न होने से आक्रोशित लोगों ने महापंचायत के बाद रेलवे अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन का पुतला बनाया। उस पुतले को पहले फांसी दी गई और फिर उसके बाद उसमें आग लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। लोगों ने कहा कि धरने पर बैठे सभी लोगों में धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ रहा है जो एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। यह स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों के लिए सही नहीं है।
धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि उनकी मांग जायज है। नगला पुलिया के दोनों ओर लाखों लोग रहते हैं और दर्जनों कॉलोनियां हैं जिनका आवागमन रेलवे ट्रैक के दोनों ओर होता है। रेलवे ट्रैक के नीचे पहले एक छोटी पुलिया थी लेकिन अब उसे भी बंद कर दिया गया है। इसीलिए इस नगला पुलिया पर अंडर पाथ की मांग की जा रही है। जिससे रेलवे ट्रैक के दोनों ओर के लोगों का आवागमन हो सके।
अंडरपाथ नहीं तो वोट नहीं
क्षेत्रीय जनता जनप्रतिनिधियों से भी काफी आक्रोशित है और उन्होंने मंच से दो टूक शब्दों में कहा है कि रास्ता नहीं तो वोट नहीं। पुतला जलाने के बाद धरना स्थल पर यह नारे पूरी तरह से गूंजते रहे। आम जनमानस जनप्रतिनिधियों से नाराज है अगर अंडरपास नहीं बनता तो इस बार वोट नहीं किया
धरने में प्रमुख रूप से अजय गोस्वामी, पदम सिंह, सचिन कश्यप, पूरणमल, उदय भान सिंह भगोरा, संजय वर्मा, नरेंद्र नवार, किसान नेत्री सावित्री चाहर, सुनील चक, राकेश वाल्मीकि, बलवीर सिंह वाल्मीकि, मधु प्रजापति, कलावती देवी, नीलम सिंह बघेल, भगवान देवी, मोनिका नाज प्रमुख रूप से मौजूद रहे।