उत्तराखंड के देवप्रयाग में 11 मई, मंगलवार को भारी तबाही से हड़कंप मच गया। न्यूज़ एजेंसी एएनआई द्वारा जानकारी दी गई थी कि देवप्रयाग एसएचओ एमएस रावत ने बताया कि शाम 5:00 बजे बादल फटने की सूचना मिली। इसमें 12 से 13 दुकानें और अन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। साथ ही यह भी बताया कि लॉकडाउन के चलते अधिकतर दुकानें बंद थी इसलिए किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि यहां जल का स्तर बढ़ गया है जिसके चलते राहत और बचाव कार्य जारी है।
वहीं राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि टिहरी जिले के देवप्रयाग में बादल फटने से कई दुकानें और घरों को खासा नुकसान पहुँचा है। हालाँकि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं।मीडिया रिपोर्ट की अगर माने तो बादल फटने से यहाँ आईटीआई भवन भी ध्वस्त होने की सूचना है।मिली जानकारी के मुताबिक देवप्रयाग में शाम पाँच बजे दशरथ आँचल पर्वत पर बादल फटा ,जिससे शांता गदेरा उफान पर आ गया और मलबा आने से मौजूद बाजार की कई दुकानें ध्वस्त हो गईं।
कहा जा रहा है कि संगम बाजार का रास्ता भी बंद हो चुका है। गनीमत रही कि लॉकडाउन के चलते आवाजाही बंद थी, इसलिए जान – माल की हानि ना होने की संभावना है। घटना के बाद बचाव दल द्वारा लगातार बचाव कार्य किए जा रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर यहां हुई घटना का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
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पूर्व में भी उत्तराखंड के चमोली के बिनसर इलाके में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही मची थी और इस आपदा में करीब 206 लोग लापता हुए थे। ऋषिगंगा और धौली गंगा में इस भीषण आपदा से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था।