केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसान कड़ाके की ठंड के बावजूद भी पिछले 50 से ज्यादा दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।वहीं शुक्रवार को राजभवन का घेराव करने जा रहे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी के ‘किसान अधिकार कार्यक्रम’ के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष लल्लू शुक्रवार दोपहर बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ राजभवन का घेराव करने जा रहे थे तभी पुलिस ने डॉलीबाग के पास से उन्हें हिरासत में ले लिया।
इसके बाद कृषि बिल के विरोध को लेकर लखनऊ में शनिवार को भारतीय किसान यूनियन ने एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में आंदोलन को और तेज करने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन ने 23 तारीख को राजभवन का घेराव करने की चेतावनी भी दी थी। साथ ही सभी राज्यों के राज्यपाल को अपनी मांगों के साथ ज्ञापन सौंपने की बात भी कही ।भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर उन्हें रोकने की कोशिश की जाती है तो वे वहां पर बैठ कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।बैठक के दौरान कहा गया कि अगर केंद्र सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो 26 जनवरी को आंदोलन बड़ा रूप ले लेगा। आंदोलन की रणनीति को लेकर शनिवार को ओसीआर विधायक निवास में पूर्वांचल क्षेत्र के भारतीय किसान यूनियन के 12 मंडलों के किसान नेताओं के साथ बैठक हुई। इस दौरान मंडल अध्यक्ष समेत तमाम किसान नेता मौजूद रहे।
भारतीय किसान यूनियन ने तो फिलहाल राजभवन का घेराव करना शुरू भी नहीं किया था उससे पहले ही शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता जय जवान-जय किसान’ का नारा लगाते हुए राजभवन का घेराव करने के लिए पहुंच गए थे , जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा।

प्रवक्ता ने बताया कि नए कानूनों के विरोध में शुक्रवार को देश भर में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपने प्रदेशों में राजभवन का घेराव कर रहे थे।कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को ‘किसान अधिकार दिवस’ मना रही थी। इसके तहत पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता प्रदेश मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। सिर्फ इतना ही नहीं पार्टी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ‘स्पीकअप फॉर किसान अधिकार’ हैशटैग से सोशल मीडिया अभियान भी चलाया है। अब देखने वाली बात यह है कि 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करने के लिए कहा गया है तो क्या सच में भारतीय किसान यूनियन राजभवन का घेराव करने में सफल हो पाएंगे पुलिस प्रशासन के अमले की मौजूदगी में इनका अभियान विफल हो जाएगा।