आगरा। अभी तक जिन राज्यों या अन्य जिलों में कोरोना के हालात बिगड़े हैं वहां की सरकार और प्रशासन कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों और संदिग्धों के ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेकर जांच करने में जुटी है। संदिग्धों की पहचान और सैंपलिंग के लिए टीम भी लगाई गई है लेकिन आगरा में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन की इस लापरवाही का ताज़ा उदाहरण है नामनेर स्थित एक निजी अस्पताल जो अब कोरोना का बड़ा एपिसेंटर का रूप लेता जा रहा है। वहां से ये जानकारी सामने आई है कि जिला प्रशासन अभी तक अस्पताल के सभी स्टॉफ की सैंपलिंग नहीं करा पाया है। जबकि सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार कोरोना हॉटस्पॉट सेंटर के साथ-साथ आस-पास क्षेत्र में भी ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं।
बताते चलें कि आगरा में कोरोना का आंकड़ा बढ़ाने में जमातियों के बाद निजी अस्पतालों की भूमिका रही है। शहर के दो निजी अस्पताल कोरोना के बड़े हॉटस्पॉट साबित हुए हैं। उसके बाद भी जिला प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। लापरवाही का ये आलम है कि जिला प्रशासन अभी तक इन अस्पतालों में मौजूद सभी स्टॉफ और मरीजों की सैंपलिंग भी नहीं कर पाया है। यहां तक की अस्पतालों से निकाल अन्य जगहों पर क्वारनटाइन किये गए लोगों की भी सैंपलिंग नहीं हुई है।
नामनेर स्थित निजी अस्पताल के एक स्टॉफ ने फ़ोन पर हुई बातचीत में बताया कि यहां शुरुआत में कोरोना के 2 मामले निकलने के बाद अस्पताल में ताला डाल सभी को क्वारनटाइन किया गया, शुरुआत में सभी की सिर्फ स्क्रीनिंग की गई। उसके बाद आधे स्टॉफ व मरीज की सैंपलिंग हुई जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। वहीं अस्पताल में क्वारनटाइन किये हुए उन्हें 14 दिन से ज्यादा हो गया। हंगामा काटा तो कुछ स्टॉफ को अन्य सेंटर पर क्वारनटाइन कर दिया गया लेकिन अभी तक उनकी सैंपलिंग नहीं हुई। इतना ही नहीं पिछले 24 घंटे में जो सूची आई है उसमें इस अस्पताल से भी 6 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं लेकिन ताला बंद अस्पताल में अव्यवस्था का ये आलम है कि जिला प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा। मजबूरी में सभी सोशल डिस्टेनसिंग को दरकिनार कर एक साथ उठ बैठ रहे हैं।
ऐसे में यह मामला गंभीर हो गया है कि जब उन्हीं के बीच में 6 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं तो फिर यह संक्रमण सभी को हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ जिला प्रशासन है। दूसरी तरफ़ भगवान टॉकीज़ स्थित निजी अस्पताल से भी वे लोग अभी भी संक्रमित आ रहे हैं जो सीधे अस्पताल से जुड़े हैं लेकिन उनकी सैंपलिंग काफ़ी दिन बाद हुई। इस मामलों को देखने के बाद यही बात सामने आती है कि मैसिव सैंपलिंग तो दूर की बात, जहां कोरोना का मैन हॉटस्पॉट है वहीं जिला प्रशासन ठीक से सैंपलिंग नहीं करा पा रहा है तो ऐसे में आगरा से कोरोना के ख़त्म हो जाने की सोचना बेमानी होगी।