आगरा। 29 फरवरी को मूसलाधर बारिश, ओलावृष्टि, और आंधी तूफान के कारण आगरा जिले में किसानों की फसल खराब हो गयी है। बारिश और औलावृष्टि के कारण किसानों भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान के कारण किसानों की कमर टूट गयी है। प्राकृतिक आपदा के पीड़ित किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर सिस्टम सुधार संगठन के बैनर तले किसान नेताओं ने जिलाधिकारी पी.एन सिंह से मुलाकात की और किसानों की इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के माध्यम से किसान नेताओं ने प्राकृतिक आपदा के पीड़ित किसानों को प्रति हेक्टेयर 1 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की।
बेमौसम बारिश के कारण आगरा जनपद की सभी तहसीलों में गेहूं, चना, सरसों मटर, आलू आदि की खेती को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान के कारण अब किसान खून के आंसू रो रहा है। सिस्टम सुधार संगठन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने से किसान इस समय सदमे में है। ऐसी स्थिति में यदि तत्काल प्रभाव से समय रहते यदि किसानों को आर्थिक मदद कर उन्हें संजीवनी प्रदान नहीं की गई तो किसानों के साथ कोई अप्रिय घटना भी घटित हो सकती है।
किसानों की मजबूरी और उनकी दर्दभरी आंखों की तरफ देखते हुए तत्काल प्रभाव से बिना किसी विलंब किए ₹1 लाख/-प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उन्हें आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। किसान नेताओं का कहना था कि काफी किसानों ने अपनी फसलों का बीमा भी करा रखा था, बीमा कंपनियों और बैंकों ने किसानों के केसीसी से फसल बीमा की रकम तो काट लिए लेकिन आर्थिक मुआवजा दिए जाने पर कुछ ऐसी शर्ते लगा दी हैं जिसे पीड़ित किसान पूरा कर पाने में असमर्थ नजर आएगा। इससे सिर्फ किसानों का ही नुकसान है। अगर बीमा कंपनियों और बैंकों द्वारा इन शर्तों का सरलीकरण नहीं किया गया और किसानों को नुकसान उठाना पड़ा तो किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
जिलाधिकारी ने किसान नेताओं की उनकी बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि सभी तहसीलों में किसानों की नष्ट हुई खेती का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद उस रिपोर्ट को शासन से धनराशि मंजूर कराने के लिए भेज दिया जाएगा और जल्दी ही किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा।