आगरा। छात्र सोशल मीडिया का प्रयोग अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने व ज्ञान के प्रकाश को फैलाने में करें ना कि भ्रामक समाचार फैलाने में, तकनीकी का अविष्कार मानव कल्याण के लिए किया जाता है किंतु यदि इसका दुरुपयोग किया जाए तो यह समाज के लिए अभिशाप बन जाती है, यह कहना है जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा केंद्र के प्राध्यापक प्रोफेसर देव शंकर नवीन का। वह आगरा कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग के संयोजन तथा इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना तकनीकी मंत्रालय द्वारा प्रायोजित एजुकेशन एंड इट्स टुवर्ड्स डिजिटल इंडिया विषय पर 7 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
प्रो. देव शंकर ने शिक्षा के क्रमवार विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुराने समय में सामंती व्यवस्था के अंतर्गत शिक्षा का ज्ञान कुछ मुट्ठी भर लोगों तक सीमित था। प्रकाशन व्यवस्था आने के बाद मुद्रक अपनी पुस्तक सभी को बेचने लगे। वे जाति धर्म आदि नहीं पूछते थे। इसके बाद इग्नू ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा का और विस्तार किया। वर्तमान में ई लर्निंग एवं ई एजुकेशन ने शिक्षा को सामान्य छात्र की पहुंच तक आसान कर दिया। अब ई-पीजी पाठशाला ने सभी को आसानी से उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि संगठित व प्रेम से भरे समाज की कल्पना केवल ज्ञान से ही आच्छादित समाज से की जा सकती है।
मुख्य अतिथि के रुप में कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल के कुलपति डॉ केएस राणा ने कहा कि तकनीकी के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। कागजों का ढेर समय के साथ समाप्त हो रहा है। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चोट करते हुए कहा कि कुर्सी पर बैठे हुए लोगों में नैतिक बल होना चाहिए। उन्होंने छात्रों से निरंतर संवाद पर भी बल दिया। अपने विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कुमायूं विश्वविद्यालय में सभी कार्य ऑनलाइन है। डिग्री पोर्टल पर आवेदन करने के पश्चात मात्र 1 सप्ताह में विद्यार्थियों के घर डिग्री पहुंच जाती है।
विशिष्ट अतिथि के रुप में बोलते हुए हाथरस स्थित पीसी बागला कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ एस के खंडेलवाल और फुपुटा अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र चौहान ने कहा कि समय की आवश्यकता है कि ई लर्निंग अब विश्वविद्यालय की विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ विनोद कुमार माहेश्वरी ने की। संचालन डॉ अमिता सरकार और गौरव मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर डॉ मनोज रावत, डॉ वाई एन त्रिपाठी, डॉ रचना सिंह, डॉ गिरीश माहेश्वरी, डॉ बीएस यादव, डॉ अमित अग्रवाल, डॉ उमेश शुक्ला, डॉ केडी मिश्रा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।