आगरा। बुधवार को आखिरकार वो घड़ी ही आई गई जिसका नगर वासियों को साल भर से इंतजार रहता है। प्रभु श्री राम का बराती बनने का मौका पाकर शहर वासी फूली नहीं समा रहे थे। शाम ढलते ही पूरा शहर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा। हजारों की संख्या में लोग सजने सँवरने के बाद भगवान राम की बरात में शामिल हुए। रामबारात में लगभग 130 झाकियां शामिल हुई जिसमें से कुछ झांकियां सामाजिक संदेश दे रही थी। राम बरात की शुरुआत बाराहदरी रावतपाड़ा से हुई। मनकामेश्वर मंदिर पर सभी स्वरूपों की आरती की गई। भगवान श्री राम और लक्ष्मण के स्वरूपों की आरती राज्यमंत्री डॉ जीएस धर्मेश, सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, चौधरी उदय भान सिंह और जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने की जिसके बाद राम बारात की शुरुआत हुई। राम बरात की शुरुआत होते ही चारों ओर भगवान श्री राम के जयकारे गूंजने लगे और श्री राम सिया ब्याहने को निकल पड़े गीतों से पूरा शहर गुंजामयन होने लगा। भगवान राम की बारात में शामिल हुए शहरवासी भी जमकर झूमते नाचते हुए दिखाई दिए।
रामलीला महोत्सव से जुड़े हुए पदाधिकारियों का कहना था कि राम बरात और जनकपुरी महोत्सव उत्तर भारत के सबसे बड़े आयोजनों में शुमार है। रामबारात का आयोजन वर्षो से होता हुआ आ रहा है और यह परंपरा अभी तक शहर में निभाई जा रही है। इस अवसर पर पहुंचे राज्यमंत्री और जनप्रतिनिधियों का कहना था कि इस आयोजन में शामिल होकर हर शहरवासी अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता है। भगवान श्री राम सभी के आराध्य हैं और आज उनके राम बरात में शामिल होकर सभी लोग उत्साहित नजर आ रहे हैं।
रामबारात निकलने से पहले जनकपुरी बने निर्भय नगर में खुशियों का माहौल देखने को मिला। पूरे दिन शादी की रस्में चलती रही। शाम को सीता जी का डोला निकला और सीता मैया ने सखियों के संग गोरा पूजन भी किया है। जैसे ही सीता मैया सखियों के संग अपने डोले में निकली उनके दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया। माता जानकी का डोला सबसे आगे था तो श्री गणेश की झांकी उनके पीछे थी।
उसके बाद पीछे रथ पर राजा जनक और रानी सुनायाना सवार थे। इस समय पूरा शहर भगवान राम और सीता मैया के विवाह के रंग में रमा हुआ है।