आगरा। मंगलवार को कोर्ट के माध्यम से एक मामला सामने आया था जिसमें अदालत के अध्यक्ष राकेश कुमार उपाध्यक्ष सुनीता सिंह और सदस्य एमपी सिंह ने डॉ भीमराव अंबेडकर विवि के रजिस्टर को नोटिस जारी करके 16 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने को कहा और चेतावनी दी “कि क्यों ना इस लापरवाही के लिए दंडात्मक आदेश पारित किया जाए?
दरअसल मामला यह था कि पीड़ित छात्रा झांसी से है जिसने 2015 में लखनऊ से बीएचएमएस किया था, उसकी प्रोविजनल डिग्री नहीं दी गई थी। जिसके लिए उसने कोर्ट में शिकायत की जिससे की डिग्री तो बन गई लेकिन उसमें नाम और रोल नंबर की गलतियां आ गई।
इसी समस्या को लेकर छात्रा बीएचएमएस विभाग के लिपिक चंद्रवीर से जाकर मिली और गलती सही करने को कहा। लेकिन छात्रा का आरोप है के लिपिक चंद्रवीर ने छात्रा से ₹20000 रिश्वत मांगी और अकेले में मिलने को कहा।
इस बात से छात्रा बहुत ही भयभीत हो गई और उसने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय के अधिकारियों से भी की लेकिन छात्रा का कहना है अधिकारियों ने भी मेरी बात को यूं ही टाल दिया और कोई भी कार्रवाई नहीं की।
इसके बाद छात्रा स्थाई लोक अदालत में गई और वहां जाकर उसने अपनी शिकायत दर्ज कराई। जिसके परिणाम स्वरूप लोक अदालत ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जल्द ही जवाब दाखिल करने को कहा है।
इसी समस्या को लेकर विश्वविद्यालय में आज कई छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन का जमकर विरोध किया और दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए विश्वविद्यालय कुलपति को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में पूर्व अध्यक्ष छात्र संघ गौरव शर्मा, विलाल अहमद, सतीश सिकरवार, अंकुश गौतम, राजन ठाकुर, ललित त्यागी, अमित यादव, अपूर्व शर्मा, विवेक गौतम, मुवीन, आशीष कुमार, आकाश त्यागी आदि छात्र नेता मौजूद रहे।