आगरा। शहर के विकास के लिए तैयार किया जा रहा विजन डॉक्यूमेंट काफी समय से विवादों में रहा विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर रही। एजेंसी एस पी ए जिस तरह से विजन डॉक्यूमेंट को तैयार किया उसको लेकर आगरा के स्टेकहोल्डर काफी नाराज थे। शहर के कारोबारी जगत से लेकर यहां की जनप्रतिनिधियों व अन्य संस्थाओं से किसी भी तरह से कोई बात नहीं की गई और आगरा का भाग्य एजेंसी के चंद लोगों ने तय करने की पूरी रणनीति बना ली थी। विजन डॉक्यूमेंट की हकीकत खुलने के बाद एजेंसी के मनमाने रवैए पर जब विरोध शुरू हुआ तो उसके बाद सरकार ने इस पर ध्यान दिया और शहर के लोगों जनप्रतिनिधियों संस्थाओं आदि से सुझाव मांगने पर सहमति बनाई।
पिछले दिनों विजन डॉक्यूमेंट पर सुझावों के लिए बैठक हुई थी जिसमें लगभग 400 सुझाव आए थे। एक बार फिर विजन डॉक्यूमेंट को फाइनल करते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमिश्नरी में बैठक हुई। जिसमें शहर से जुड़े हर तबके को शामिल किया गया। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने लोगों को विश्वास दिलाया कि विजन डॉक्यूमेंट में कुछ ऐसा नहीं होगा जो शहर के हिेत में ना हो। उन्होंने साफ किया कि यह डॉक्यूमेंट सरकार का है ना कि किसी एजेंसी का है लिहाजा एसपीएनसी डॉक्यूमेंट तैयार कर ले। लेकिन उसको फाइनल सरकार ही देगी और सरकार तभी कुछ फाइनल करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी। जब इसमें शहर के लोगों की पूरी तरह से सहमति होगी।
यह बयान आगरा के लोगों के लिए बड़ी राहत भरा था। साथ ही उन्होंने ने कहा कि इसमें सभी संस्थाओं से लेकर जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा रहा है और उनसे भी सुझाव लिए जा रहे हैं।
कमिश्नरी सभागार में हुई इस बैठक में शहर की तमाम बड़े व्यवसाई कारोबारियों के साथ साथ व्यापार जगत की बड़ी संस्थाएं व एसोसिएशन भी शामिल रही जिन्होंने बैठक के दौरान अपने अपने सुझाव दिए। जिसमें शहर के विकास से संबंधित सुझाव रखे गए। सरकार की ओर से चल रही योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरह से हो सके और विकास इस तरह से हो जिससे रोजगार भी आए और किसी को नुकसान भी ना हो। इन्हीं सब बातों को देखते हुए व्यवसायियों कारोबारियों ने अपनी बात रखी।
होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने बताया कि उन्होंने सुझाव दिया कि जब तक आगरा बैराज का निर्माण नहीं हो जाता तब तक यमुना की डी सिल्टिंग की जाए जिससे इसमें पानी बना रहे। वहीं उन्होंने ताजमहल के पीछे मेहताब बाग में होने वाली खेती को बंद किए जाने की भी नुकसान बनाए। उन्होंने कहा जब से खेती बंद हुई तब से यहां की भूमि बंजर होती जा रही है। जिसके चलते मिट्टी उड़ती है जबकि पूर्व में यह नमी बनी रहती थी, साथ ही उन्होंने कहा कि होटल व्यवसाय प्रदूषण नहीं करता है। लिहाजा होटल व्यवसाय की कैटेगरी चेंज की जाए।
वहीं बैठक के दौरान अलग अलग कारोबार से जुड़े लोगों ने अपने अपने सुझाव रखे। जिसमें पूरन डावर ने जूता व्यवसाई को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त कारोबार बताया और जूता व्यवसाई की तरक्की के लिए नए रास्ते खोले जाने की बात करने के साथ-साथ इसकी कैटेगरी चेंज करने की बात कही।
ऑटोमोबाइल कारोबारी रंजना बंसल ने सुझाव दिया कि आगरा में अधिक से अधिक सीएनजी पेट्रोल पंप खोले जाएं और सीएनजी से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दिया जाए जिससे कि यहां का प्रदूषण कम हो सके।वहीं पर्यावरणविद इंजीनियर उमेश शर्मा ने भी सुझाव दिया कि आगरा में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाए जिससे कि जरनैटर का इस्तेमाल कम से कम हो और प्रदूषण कम हो। इसके अलावा कारोबारियों ने मशीनरी उद्योग को गैस से चलाए जाने के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया।
इन सभी बातों को सुनते हुए मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि विकास इस तरह से होगा जिससे किसी का नुकसान ना हो।साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि विकास के जिन योजनाओं को पूरा करने में विभागीय ने आती हैं या प्रदूषण का कोई मुद्दा आता है, तो संबंधित विभाग से एनओसी ली जाएगी और कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पर्यावरण और विकास से किसी तरह का समझौता भी नहीं किया जाएगा।
बैठक के दौरान उन्होंने स्थानीय मुद्दों को कमिश्नर व अन्य अधिकारियों से चर्चा कर निपटाने की बात भी कही कमिश्नरी सभागार में हुई। बैठक के दौरान मंडलायुक्त अनिल कुमार के अलावा एडीए वीसी शुभ्रा सक्सैना, नगर आयुक्त अरुण प्रकाश, विशेष सचिव -मुख्य सचिव गौरव दयाल, प्रमुख सचिव मृत्युंजय कुमार नारायण समेत अन्य जिलों की भी आला अधिकारी उपस्थित रहे।