आगरा। गत 25 अक्टूबर को आगरा विश्वविद्यालय अचानक से जंग का मैदान बन गया जानकारी करने पर पता चला स्पोर्ट्स के छात्र-छात्राओं एवं विश्वविद्यालय कर्मचारियों के बीच जमकर बवाल हो गया और ईट पत्थर फेंकने लगे जिस वजह से छात्र-छात्राओं एवं कई कर्मचारियों के गंभीर चोटे आई थीं।
इसी मामले को लेकर विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ 25 तारीख से ही आरोपी छात्र छात्राओं के ऊपर कार्रवाई के लिए धरने पर बैठ गए जो धरना आज लगातार सातवें दिन भी विधिवत रूप से चला।
कर्मचारी संघ ने बताया कि जब तक पुलिस प्रशासन दोषी छात्र-छात्राओं पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं करेगा तब तक यह धरना अनिश्चितकालीन रूप से चलता रहेगा।
जहां एक तरफ विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर अड़ा हुआ है वहीं दूसरी तरफ जो छात्र-छात्राएं अपना काम कराने विश्वविद्यालय आ रहे हैं उनको कोई भी अग्रिम सूचना ना होने के कारण विश्वविद्यालय से बिना काम कराए वापस लौटना पड़ रहा है।
एक छात्र किशन कुमार ने बताया कि वह माइग्रेशन का काम कराने हसनपुर होडल से विश्वविद्यालय करीब 25 तारीख से लगातार आ रहा है लेकिन उसका काम नहीं हो पा रहा जिससे उन्हें बहुत परेशानी हो रही है।
छात्र विजेंद्र जो फिरोजाबाद से आया है उसने बताया कि उसे किसी जॉब के लिए प्रोविजनल डिग्री की आवश्यकता है क्योंकि करने की वजह से नहीं बन पा रही है अगर वह डिग्री कंपनी में सम्मिलित नहीं कर पाया तो वह नौकरी पाने में सक्षम नहीं रहेगा।