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नहर फूटने से किसानों की 60 बीघा फ़सल हुई जलमग्न, स्थानीय प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार

by admin

आगरा। वर्तमान परिस्थितियां किसानों के लिए अनुकूल नहीं है। दीपोत्सव की खुशी में इन प्रतिकूल परिस्थितियों को किसान भुलाने में लगा हुआ था लेकिन दीप उत्सव के पहले दिन ही किसानों के ज़ख्म फिर से हरे हो गए। चंबल डाल नहर के फुट जाने से किसानों की बोई हुई लगभग 60 बीघा फसल बर्बाद हो गयी। नहर के किनारे स्थित खेतों पर जितनी दूर नजर डालो सभी खेत जलमग्न नजर आ रहे हैं। पानी से लबालब खेतों को चलते किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं और नहर विभाग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन को कोस रहे हैं।

मामला थाना पिनाहट क्षेत्र के देवगढ़ रामनगर गांव का है। गांव के किनारे चंबल डाल नहर है। बीती रात यह नहर एक जगह से फूट गयी और नहर का पानी खेतों में भर गया। नहर के फूट जाने की सूचना पर जब तक किसान पहुंचे पूरे खेत पानी से लबालब हो चुके थे। खेतों में बुवाई लगभग 60 बीघा फसल बर्बाद हो गई इस दृश्य को देखकर किसानों ने नहर विभाग को फोन लगाया लेकिन नहर विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे और किसान अपनी आंखों के सामने ही अपनी फसल को बर्बाद होता देखता रहा।

पीड़ित किसान ने बताया कि 2 दिन पहले ही नहर विभाग के अधिकारियों ने इस नहर को साफ कराया है लेकिन नहर में पानी आने के बाद यह नहर फूट गई। नहर के फूट जाने की जानकारी विभागीय अधिकारियों को फोन पर दी लेकिन अधिकारियों ने कोई उचित कदम नहीं उठाया। पीड़ित किसानों का कहना है कि किसान वर्ग पहले से ही परेशान है लेकिन किसानों की फसल जलमग्न होने से जले पर नमक छिड़कने का काम हो गया है। बर्बाद हुई फसल के लिए सिर्फ नहर विभाग जिम्मेदार है।

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