रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के बाद अभी तक जहां अमेरिका और NATO देश सीधे तौर पर यूक्रेन की युद्ध में मदद नहीं कर रहे थे तो वहीँ अब धीरे-धीरे परिस्थितियां बदलती चली जा रही हैं। एक तरफ जहां रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं तो वहीँ रूस के कई आर्थिक पैकेजों को यूरोपीय संघ ने सीज कर दिया है। इसके अलावा ब्रिटेन ने सेंट्रल बैंक ऑफ रशिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि रूस को बड़ी आर्थिक क्षति उठानी पड़ सकती है।
युद्ध के पांचवें दिन अमेरिका ने अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन का साथ देना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने पड़ोसी देशों में F-35 विमान तैनात कर दिए हैं। वहीँ NATO देशों ने रूस के लिए एयरबेस बंद कर दिए हैं। इधर रूस द्वारा न्यूक्लियर अलर्ट के बाद अमेरिका ने सभी नाटो देशों को परमाणु अलर्ट मोड़ पर रहने को कहा है।
वहीँ इस समय आ रही ताजा जानकारी के अनुसार यूक्रेन ने दावा किया है कि वह अब तक और उसके 29 फाइटर जेट, 29 हेलीकॉप्टर, 191 टैंक को तबाह करने के साथ 5300 रूसी सैनिकों को ढेर कर चुका है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के दावे के मुताबिक इस युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान और उसका हुआ है, उनके सैनिकों पर थकान हावी हो चुकी है। दूसरी ओर, यूक्रेन में सेना में शामिल होने के लिए नागरिकों में होड़ देखने को मिल रही है। भर्ती के लिए वहां लंबी-लंबी लाइनों में लोग खड़े हुए हैं।