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127 करोड़ की लागत से बने 3640 आशियाने हुए खंडहर, विधायक ने की सीएम से शिकायत

by admin
3640 ruins built at a cost of 127 crores, MLA complains to CM

Agra. हर गरीब के सिर पर उसके आशियाने की छत हो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर पात्र व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं। इस योजना के तहत गरीबो के लिए आवास बनाए जा रहे हैं। लेकिन यह आवास भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गए है। शहरी गरीबों के लिए नरायच में बनाए गए 3640 मकान गृह प्रवेश से पहले ही खंडहर हो गए है। जिसकी शिकायत विधायक रामप्रताप चौहान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। विधायक द्वारा की गई इस शिकायत का शिकायती पत्र इस समय सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल भी हो रहा है।

127 करोड रुपए की है योजना-

विधायक रामप्रताप चौहान ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि मेरी विधानसभा एत्मादपुर टेढ़ी बगिया नारायच क्षेत्र में डूडा द्वारा 127 करोड़ रुपए की लागत से BPSU (बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर) योजना के तहत डूडा द्वारा 3640 आवासों का निर्माण कराया था लेकिन नरायच में उद्घाटन से पहले ही बिल्डिंग जर्जर हो चुकी हैं और मकान गिरांसू अवस्था में आ गए हैं। ऐसा लगता है कि जैसे मकान सैकड़ों साल पुराने हो। हर मंजिल के बीम, कॉलम और स्लैब में दरारें आ गई हैं, साथ ही गुणवत्ता इतनी खराब है कि जहां हाथ रख दो, वहीं से सीमेंट उखड़ने लगता है।

प्रधानमंत्री के सपने को चकनाचूर कर रहे हैं भ्रष्टाचारी-

विधायक रामप्रताप चौहान ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री जी, वह आपका गरीबों को आवास देने का सपना चकनाचूर हो रहा है। आपके द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले मकान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं। उक्त प्रकरण की जांच कराते हुए उचित कार्रवाई कराने की कृपा करें।

लोगों के जीवन से खिलवाड़-

3640 ruins built at a cost of 127 crores, MLA complains to CM

डूडा की 127 करोड़ रुपए की योजना में आवास बनाने की जिम्मेदारी आगरा विकास प्राधिकरण को सौंपी गई लेकिन, एडीए के इंजीनियरों ने नरायच और शास्त्रीपुरम में जो आवास बनाए वो आवंटन और गृह प्रवेश से पहले ही खंडहर हो गए। बीम में दरारों के कारण ये आवास कभी भी गिर सकते हैं। जिन लोगों को यह आवास आवंटित किए जाएंगे और वह उसमें रहने जाएंगे तो कभी भी उनके साथ गंभीर हादसा हो सकता है।

लापरवाह हैं जिम्मेदार-

गरीबों के लिए बनाए बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर (बीएसयूपी) योजना में हुई कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार बताता है कि किस तरह करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद जिम्मेदार पूरी तरह लापरवाह और बेखौफ हैं। छत टपक रही है, हाथ लगाते ही प्लास्टर झड़ रहा है, पीली ईंटों से बने आवासों में प्लास्टर टूटकर गिर रहा है। जल आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है और टॉयलेट चोक है।सीवर लाइन बिछाई नहीं गई. बिजली के स्विच आवासों में नहीं लगाए गए. बिजली का कनेक्शन न होने से ब्लॉक में अंधेरा है।

स्थानीय विधायक रामप्रताप चौहान कहते हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का सपना है कि हर गरीब को छत मिले, ऐसे में अधिकारियों की कारगुजारी से गरीबों के हक पर डाका पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वो मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिए मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को चिट्ठी लिखेंगे और व्यक्तिगत तौर पर भी अवगत कराएंगे।

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