आगरा. दिव्यांग भाई बहन की दिव्यांगता का एक जानकार ने ऐसा फायदा उठाया कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सरकारी योजना का लाभ दिलाने और दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर दिव्यांग भाई बहन को तहसील ले गया और फिर धोखे से उनकी 30 बीघा जमीन को किसी और के नाम बैनामा करके बेच दिया। इसमें सब रजिस्टार बाह के बयान नहीं दिए गए और कोई प्रतिफल भी नहीं दिया गया। दिव्यांग भाई बहन को गांव वालों से पता चला कि उनकी जमीन बिक चुकी है यह जानकर वह सकते में आ गए। उन्होंने अब जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
पूरा मामला बाहर थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। बाह तहसील के मौजा मानिकपुरा में पप्पू पचौरी अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बहन भी उनके साथ रहती है। प्रार्थी पप्पू पचौरी गूंगा और बहरा है और मानसिक रूप से भी उसका संतुलन ठीक नहीं है। उनकी बहन भी बोलने में असमर्थ हैं। पीड़ित के पास काफी जमीन है। पीड़ितों की दिव्यांगता का लाभ उनके परिचित गांव की रहने वाले संजू पचौरी ने उठाया। पेंशन व राशन कार्ड और दिव्यांगता का कार्ड बनवाने के नाम पर उन्हें बाह तहसील ले गया। कई कागजों पर उसने साइन और अंगूठा लगवा लिया और उन्हें इंतजार करने को कहा। आरोपित संजू पचौरी ने उनसे कहा कि सर्टिफिकेट बनवाने की फॉर्मेलिटी की जा रही है इसलिए समय लग रहा है। कुछ देर बाद ही संजू पचौरी ने पीड़ित की जमीन सीधे संतोष शर्मा के नाम करा दी।
पीड़ित परिवार के रिश्तेदार ने बताया कि संजू पचौरी गांव का ही रहने वाला है और पीड़ित भाई बहन का जानकर भी है। उन्होंने बताया कि दोनों दिव्यांग भाई बहिन के पास काफी जमीन है लेकिन दिव्यांग होने के कारण वह देखरेख नहीं कर पाते हैं। गांव के जानकर संजू ने उनसे कहा कि आप दिव्यांग हैं आपका दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवा देता हू जिससे आपको अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल जाएगा। पीड़ित सच्चा और ईमानदार व्यक्ति था। वह संजू की बातों में आ गया और बहन के साथ-साथ अपना प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उसे हमें भर दी। बस इसी का उसने फायदा उठाया और गाटा संख्या 1235 रकबा 1.098, गाटा 1211 रकबा 1.565 बैनामा करा दिया।
पीड़ित भाई बहन आज अपने भांजे के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे थे यहां पर उन्होंने पूरी घटना से अवगत कराया और जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंप कर न्याय दिलाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने का आश्वासन दिया है।
पीड़ित के रिश्तेदार का कहना है कि अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच हो तो कई लोग इस मामले में फंस जाएंगे। बैनामा करवाने से लेकर बैनामा करने वाले अधिकारी इसमें नपेंगे क्योंकि बैनामा करने के दौरान बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों की रजामंदी की जानकारी दी जाती है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब हमें न्याय चाहिए ताकि दिव्यांग भाई बहिन को उनकी जमीन वापिस मिल सके।