मथुरा में किसी को भी जेल की हवा खिलाने के लिए डायजापाम को अचूक हथियार की तरह वर्षों से इस्तमाल कर रही पुलिस की गर्दन अब इसी डायजापाम की स्क्रिप्ट में फंस गई है। अपनी इस करतूत का फिलहाल पुलिस के पास कोई जबाव नहीं है। कोर्ट ने ना केवल दोषी आठ अफसर और सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिये हैं बल्कि 2015 से जेल काट रहे व्यक्ति को मेहनताने के रूप में पुलिसकर्मियों के वेतन से पैसे क्यों ना देने पर सवाल भी पूछा है।
फर्जी तरीके से दो लोगों को जेल की हवा खिलाने वाले दोषी पुलिसकर्मियों को लेने के देने पड़े हुए हैं। थाना गोविद नगर में तैनात एसआइ रामरतन यादव, एसआइ सुभाष चंद, एचपीसी गीतम सिंह, सिपाही मासूम कुमार ने कोतवाली क्षेत्र के कनकौर टीला निवासी भोला उर्फ राकेश को दो अक्टूबर 2015 को डायजापाम पाउडर के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज था। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) अमरपाल सिंह की कोर्ट में चल रही है। प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट में बरामद पाउडर एल्पाजोलाम पाया गया। इस जांच रिपोर्ट पर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट में पुलिस की कहानी को झूठा करार दे दिया। इस पर अदालत ने भोला की रिहाई के आदेश दिए हैं।
बताया जाता है कि थाना गोविंद नगर में तैनात एसआई रामरतन यादव, एसआइ सुभाष चंद, एचपीसी गीतम सिंह, सिपाही मासूम कुमार ने कोतवाली क्षेत्र के कनकौर टीला निवासी भोला उर्फ राकेश को दो अक्टूबर 2015 को डायजापाम पाउडर के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जो अब झूठ साबित हो गया है।
तो वहीं अब आगरा की बात करे तो
आगरा में पुलिस हिरासत में हुई जुगनू की मौत जगदीशपुरा थाने के लिए गले की फांस बनता चला जा रहा है। परिवारीजनों का आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने जुगनू को बेरहमी से पीटा था जिसके कारण उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद मृतक जुगनू के परिवारीजनों ने दोषी पुलिसकर्मियों खिलाफ तहरीर दी थी जिस पर पुलिस के आला अधिकारियों ने कार्रवाई कर दी है। इस कार्यवाही के चलते जगदीशपुरा थाना के दरोगा सहित कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिर चुकी है।
पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर दरोगा योगेंद्र सिंह, सिपाही मनोज और अन्य तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जगदीशपूरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बताया जाता है कि सम्बंधित थाने के दरोगा योगेन्द्र सिंह 82 की तामील कराने जुगनू के घर गए थे। वांछित चल रहा जुगनू घर पर ही मिल गया। पुलिस की हिरासत में आने पर मृतक जुगनू भागने लगा। तभी पुलिस कर्मियो ने उसकी जमकर पिटाई कर दी थी जिसका विडियो भी वायरल हुआ था। जुगनू के परिवरिजनों ने पुलिस कर्मियों पर जुगनू की हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस के आला अधिकारियों ने पिटाई के वीडियो वायरल और पीड़ित की तहरीर को गंभीरता से लिया और जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ थाना जगदीशपुरा में मुकदमा लिखा गया है। वहीं सीओ लोहामंडी से हुई बातचीत में बताया कि मुकदमा लिख जाने के बाद दोषी पुलिसकर्मियो का निलंबन भी किया जा सकता है।