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यमुना एक्सप्रेस वे पर सफर नहीं सुरक्षित, चौकाने वाले आंकड़े आये सामने

by admin

आगरा। 19 नवंबर को पूरे विश्व में विश्व स्म्रति दिवस मनाया जाता है।इस दिन सड़क हादसों में मरे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इसकी पूर्व संध्या पर आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने यमुना एक्सप्रेस पर हुई दुर्घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। लोगों का कहना था कि यमुना एक्सप्रेस वे हादसों का एक्सप्रेस वे बनता जा रहा है। जब से इस एक्सप्रेस वे की शुरुआत हुई है हजारों लोगों की दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। तो वहीं सैकड़ों लोग अपनी जान गवा चुके हैं।

सरकार की ओर से यमुना एक्सप्रेस वे आगरा से दिल्ली की दूरी कम करने के लिए बनाया गया था लेकिन यह एक्सप्रेस वे अब लोगों की जिंदगी कम कर रहा है। इस एक्सप्रेस वे से गुजरने वाले पर्यटक और वाहन चालक आए दिन हादसों के शिकार हो रहे हैं। इसको लेकर आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से कुछ आंकड़े भी पेश किए गए हैं।

यमुना एक्सप्रेस वे 12 अगस्त 2012 को प्रारंभ हुआ था और अब तक इससे गुजरने वाले हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।
1- आंकड़ों के अनुसार 2013 में 896 हादसे और 118 लोगों की मौत हुई।
2- 2014 में 771 दुर्घटना हुई और 127 लोगों की मौत हो गई।
3- 2015 में 919 एक्सीडेंट केस एक्सप्रेस वे पर हुए और 142 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।
4- 2016 में यह आंकड़ा बढ़ा और 1193 दुर्घटना हुई और 128 लोग मारे गए।
5- 2017 की पहली छमाही में 432 है और अभी तक 78 लोग अपनी जान गंवा चुके है।

इस से साफ जाहिर है कि यह एक्सप्रेस वे लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। सरकार ने इसे आगरा से दिल्ली तक की दूरी को कम करने के लिए बनाया था लेकिन यह एक्सप्रेस वे दूरी कम करने के बजाए लोगों की जिंदगी कम कर रहा है।

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