मथुरा। भ्रूण लिंग परीक्षण कराने को लेकर सरकार ने भले ही सख्त कानून बना रखे हो, सजा का प्रावधान कर रखा हो लेकिन फिर भी कुछ चिकित्सक कुछ रुपयों के लालच में भ्रूण लिंग परीक्षण को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ मथुरा में देखने को मिला। एक निजी हॉस्पिटल में भ्रूण लिंग परीक्षण का खेल चलने की जानकारी होने पर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मथुरा प्रशासन की मदद से छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया और भ्रूण लिंग परीक्षण के खेल को पकड़ लिया। छापामार कार्यवाही को अंजाम देने वाली टीम ने मथुरा प्रशासन के सहयोग से चिकित्सक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम दिया, साथ ही अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ-साथ अन्य जरूरी कागजात भी सील कर दिए।
मामला मथुरा की धौली प्याऊ स्थित गोयल नर्सिंग होम का है। पलवल हरियाणा के पीसीपीएनडीटी के नोडल ऑफिसर डॉक्टर संजय शर्मा, डॉक्टर विपिन, डॉक्टर रूचि, डॉक्टर कृष्ण कुमार ने मथुरा पुलिस के साथ मिलकर गोयल हॉस्पिटल पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया। इस कार्रवाई से पहले इस टीम ने भ्रूण लिंग जांच की सूचना पर एक गर्भवती महिला को एक दलाल के माध्यम से इस हॉस्पिटल में भेजा था। इस महिला को छापामार टीम खुद पलवल से लेकर आई थी। दलाल राजवीर ने लिंग परीक्षण के लिए ₹25 हजार लिए थे। सौदा तय होने पर जैसे ही हॉस्पिटल में लिंग परीक्षण जांच का खेल शुरू हुआ। सूचना मिलते ही टीम ने छापामार कार्रवाई को अंजाम देकर रंगे हाथों दो लोग गिरफ्तार कर लिया और अल्ट्रासाउंड की मशीन भी तुरंत सील कर दी साथ ही इससे सम्बंधित जानकारी मथुरा की एसीएमओ डॉक्टर देवेंद्र अग्रवाल और मुकेश को भी दे दी गई।
इस पूरी कार्रवाई के बाद मथुरा के एसीएमओ डॉक्टर दीपक अग्रवाल सामने आए। उन्होंने बताया कि गोयल हॉस्पिटल पर भ्रूण लिंग परीक्षण का मामला पकड़ा गया है। पलवल की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है इसलिए कोतवाली में डॉक्टर बी एस गोयल और दलाल राजवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
फिलहाल कुछ भी हो लेकिन इस कार्रवाई से प्राइवेट चिकित्सकों और उनके हॉस्पिटल में खलबली मची हुई है।