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बिल्डर के साथ मिलकर पुलिस कर रही खेल, देखे मामला

by pawan sharma

आगरा। ताजनगरी आगरा में जिले के पुलिस कप्तान अमित पाठक भले ही अधीनस्थों पर कितना भी शिकंजा कसना चाह रहे हो मगर इलाके की थाना पुलिस बार-बार खेल कर रही है। थाना पुलिस आरोपियों की सांठगांठ के चलते गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज न कर हल्के धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रही है। यही वजह है कि आरोपी बच रहे हैं।

हाल ही का यह मामला थाना रकाबगंज क्षेत्र के लाल किले के पास बीती 4 फरवरी का है। आपको बताते चलें कि ताजमहल पर फोटोग्राफर का काम करने वाले वीरेंद्र मित्तल 4 फरवरी की शाम को लौट रहे थे। तभी लाठी-डंडों से लैस पूनम कॉन्पलेक्स के स्वामी सुभाष चंद्र अग्रवाल चंद्रप्रकाश धर्मेंद्र और कई लोगों ने मिलकर जान से मारने की नीयत से वीरेंद्र मित्तल पर हमला कर दिया।

इस जानलेवा हमले में वीरेंद्र मित्तल के शरीर के कई हिस्सों में चोटे हैं जबकि फ्रैक्चर भी हुआ। चिकित्सकों के मुताबिक मेडिकल परीक्षण में हार्ड एंड ब्लेन्ड ऑब्जेक्ट यानी धारदार हथियार का उपयोग हुआ और फ्रैक्चर भी हुआ।

पीड़ित के मुताबिक थाना रकाबगंज पुलिस को जान से मारने की और जानलेवा हमले की तहरीर दी गई। इस मामले में पुलिस ने गंभीर धारा 307 और फ्रैक्चर की धारा 325 ना लगा कर एनसीआर 323, 504 और 147 में मुकदमा दर्ज कर दिया। जिससे आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही नहीं हो सकी।

पीड़ित पक्ष के मुताबिक आरोपी बिल्डर हैं। जिनसे मिलकर थाना रकाबगंज पुलिस ने खेल कर दिया और आरोपियों को बचाने की नियत से हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। कानून के जानकारों के मुताबिक फ्रैक्चर और हार्ड एंड ब्लेंड ऑब्जेक्ट के साथ चिकित्सीय परीक्षण के आधार पर धारा 307 धारा 325 लगनी थी जिससे आरोपी न बच सकें।

पुलिस विभाग के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक यह सारा खेल इलाकाई पुलिस की मिलीभगत से हुआ है जिससे आरोपी खुले में घूम रहे हैं और परिवार को जान का खतरा है। पीड़ित पक्ष की अगर बात मानी जाए तो पूर्व में भी आरोपियों पर थाना छत्ता पुलिस ने प्रभावी कार्यवाही की थी जिसमें एक अन्य मामले में आरोपियों को जेल तक जाना पड़ा था मगर शायद अभी भी कुछ थानेदार ऐसे हैं जिनमें अधिकारियों का खौफ नहीं है और रकाबगंज पुलिस बिल्डर के साथ यानी आरोपियों से मिलकर खेल कर रही है।

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