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दर्दनाक हादसा, 13 बच्चों की मौत, वीडियो देखकर कांप जाएगी रूह, जानिए मामला

by admin

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश में आरटीओ और रेलवे विभाग की एक बड़ी लापरवाही के चलते 13 मासूम बच्चे गुरुवार की सुबह काल के गाल में समा गए।

बच्चों की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में कोहराम और चीख-पुकार का माहौल देखा गया। 13 मासूम की मौत को देखकर शायद ही कोई आंख ऐसी होगी। जिसकी आंखों से आंसू नहीं बह रहे होंगे तो वही रुंधे गले से लोग अपने मरे हुए बच्चे को गले लगाने की जद्दोजहद कर रही थे।

आपको पूरा घटनाक्रम बताते हैं। डग्गामार स्कूल वैन पर अफसरों की सख्ती ना होना और आरटीओ विभाग की दलाली के चलते 13 मासूम बच्चों की मौत हो गई है। गुरुवार की सुबह दर्जनों स्कूली बच्चे स्कूल ड्रेस में तैयार होकर कुशीनगर से मानव रहित रेलवे ट्रैक को क्रॉस कर रहे थे।

तभी रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही पैसेंजर ट्रेन इन मासूमों के लिए मौत की गाड़ी बन गई। पैसेंजर ट्रेन की टक्कर से स्कूली वाहन दूर तक घिसता और 13 मासूमों की चीख के बाद उनकी लाशें पूरे क्षेत्र में बिखर गई।

13 बच्चों की मौत के बाद आरटीओ विभाग और रेलवे विभाग पर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। सवाल यह भी है कि कुशीनगर सहित कई जिलों में आरटीओ विभाग केवल दलाली करने पर उतारू है।

प्रदेश के तमाम जिलों के आरटीओ विभागों ने स्कूली बच्चों को लेकर कभी अभियान नहीं चलाया। स्कूली वाहन में स्कूली बच्चों को भूसे की तरह भराजाता है। यही वजह है कि बार-बार मासूम हादसे के शिकार हो जाते हैं और हादसे के तुरंत बाद विभाग थोड़े दिन के लिए एक्शन में आता है। और फिर दलाली शुरू हो जाती है।

इस पूरे घटना क्रम में लापरवाही रेलवे विभाग की भी है कि आखिर इन 13 मासूमों की मौत का जिम्मेदार आरटीओ के साथ रेलवे विभाग भी है। जिसकी लापरवाही से मानव रहित रेलवे ट्रैक से गुजर रहे स्कूली वाहन को उड़ा दिया। 13 बच्चों की जान चली गई। परिवारों से उनके जिगर के टुकड़े छिन गए।

विभाग केवल आंसू बहाएगा। नेता आएंगे। आश्वासन देंगे और कार्यवाही के नाम पर जांच चलती रहेगी। मगर उन परिवारों का क्या जिनकी आंखों के तारे इस दुनिया से रुखसत कर गए हैं। अब देखना होगा कि रेलवे और आरटीओ विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होती है।

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