आगरा। रेलवे हॉस्पिटल में गतिमान एक्सप्रेस के ड्राइवर ने उस समय हंगामा काटा दिया जब डेंगू से पीड़ित उसकी पत्नी को रेलवे हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर करने से मना कर दिया।
गतिमान एक्सप्रेस के ड्राइवर की सुनवाई न होने पर रेलवे यूनियन एनसीआरएमयू के पदाधिकारी और कार्यकर्ता रेलवे हॉस्पिटल पहुँच गए जहाँ यूनियन नेताओं की रेलवे चिकित्सकों से तकरार होने लगी। घटना की जानकारी होते ही जीआरपी आरपीएफ और सिविल पुलिस भी मौके पर पहुँच गयी। मामले को बढ़ता देख रेलवे चिकित्सक पल्लवी ने अपने पति और बहरी लोगों को बुला लिया और अपनी ताकत के दम पर यूनियन नेताओं को दबाने का प्रयाश किया इस दौरान उन्होंने मैन हैंडलिंग भी की। मौके पर पहुँचे प्रशासन ने चिकित्सकों और यूनियन नेताओं के बीच सामंजस्य बिठाया तो यूनियन से सारी बात उनके सामने रखी। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद रेलवे चिकित्सक पल्लवी ने उन्हें प्राइवेट अस्पताल के लिए रेफर किया।
गतिमान एक्सप्रेस के लोको पायलट रामबाबू की पत्नी लक्ष्मी की तबियत खराब हुई और उसे रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इस दौरान उन्हें डेंगू की शिकायत निकली और उनकी प्लेटलेट्स 57000 से नीचे आ गयी। स्थिति गंभीर होने पर परिजनों ने चिकित्सक से बात करना चाही तो ड्यूटी पर तैनात डॉ पल्लवी एसी रूम में सो रही थी। मौके पर पहुँचे एनसीआरएमयू के डिविजनल सेक्रेट्री आर एन यादव ने इस संबंध में डॉ पल्लवी से बात की तो वो बदतमीजी से पेश आई। जिससे लोगों मे आक्रोश व्याप्त हो गया और उन्होंने हंगामा करना शुरु कर दिया।
डिविजनल प्रेसिडेंट राकेश पाठक ने आज की घटना को निंदनीय बताया। उनका कहना था कि हमारे मेडिकल डिपार्टमेंट ने ही रेलकर्मी के परिवार के साथ जो किया वो स्थिति शर्मसार कर देने वाला है। डॉ पल्लवी ने जो कदम उठाया और सत्ता के दम पर बाहरी लोगों से रेलवे हॉस्पिटल रेल परिसर में जो गुंडागर्दी यूनियन के साथ जो कराई है उसको लेकर एनसीआरएमयू रेल प्रशासन से वार्ता करेगी।