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कड़ी सुरक्षा के बावजूद सावन के पहले सोमवार पर शिव सेना ने ताजमहल की उतारी आरती

by pawan sharma

आगरा। ताजमहल को शिव मंदिर बताने वाले शिव सैनिकों ने श्रावण मास के पहले सोमवार को ताजमहल की शिव मंदिर के रूप में पूजा आराधना की। गौरतलब है कि ताजमहल को तेजो महालय बताए जाने पर काफी समय से विवाद चला रहा है। श्रावण मास में ताजमहल की आरती को लेकर शिव सैनिकों की ओर से ऐलान किया गया था। इस ऐलान को लेकर ताजमहल और उसके आसपास पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद नजर आया लेकिन शिव सैनिकों पुलिस की नजरों से छुपते हुए हाथी घाट पहुंचे और वहां से होते हुए ताज कारीडोर जा पहुंचे। ताज कॉरिडोर पर जाकर शिव सैनिकों ने ताजमहल की विधि विधान से पूजा आराधना की।

शिवसेना जिला प्रमुख वीनू लवानिया ने शिवसैनिक कार्यकर्ताओं के साथ भगवान शिव की चालीसा का पाठ करते हुए आरती की और भगवान शिव के जयकारे भी लगाए। शिवसेना जिला प्रमुख का कहना है कि तेजोमालय का निर्माण 1100 ईसवी में राजा परमदेव ने कराया गया था जो हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है लेकिन इसे इतिहास में तोड़ मरोड़ कर दिखाया गया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

फिलहाल शिव सैनिकों ने साफ ऐलान कर दिया है कि ताजमहल तेजोमहालय है और इसे जब तक शिव मंदिर घोषित नहीं करा लेते यह लड़ाई जारी रहेगी।

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