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क्या हुआ जब कागजों में मर चुका व्यक्ति अचानक पहुंचा अधिकारी के सामने, बोला जिंदा हूं मैं

by pawan sharma

मैनपुरी। यूपी के मैनपुरी में एक व्यक्ति को जीवित होते हुए भी अपने ज़िंदा होने के सबूत देने पड़ रहे हैं। क्योंकि सरकारी कागजों में वो मर चुका है। अब वो अपने जिंदा होने की गुहार अधिकारियों से लगा रहा है। साहब मैं जिंदा हूँ। रोज अधिकारियों के चक्कर लगाकर पीड़ित व्यक्ति बता रहा है कि मैं मरा नहीं हूं बल्कि जिंदा हूं और जीता-जागता आपके सामने खड़ा हूं।

ये पीड़ित व्यक्ति है विनय कुमार जैन। विनय पेशे से बिजनेसमेन है। मैनपुरी के कस्बा करहल में ये व्यापार करते हैं। इनकी जमीन तहसील करहल के ग्राम नगला कथूले में है। इसी गांव के रहने वाले सुरेश चंद यादव की नीयत विनय की जमीन पर खराब थी। उसने चकबंदी के समय 2002 में चकबंदी अधिकारी कर्मचारियों की मदद से सरकारी अभिलेखों में विनय को मृतक दर्ज करवा दिया और अपने लड़के अवनीश को विनय का लड़का बना कर उसके नाम जमीन दर्ज करवा दी। जब विनय को इसकी जानकारी हुई तो उसने फर्द निकलवाई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। कागजों में विनय को मृत घोषित किया जा चुका था और जमीन अवनीश के नाम दर्ज हो चुकी थी। जबकि विनय के कोई पुत्र था ही नहीं केवल पांच बेटियां ही है। फिर विनय ने कई जगह इसकी शिकायत की पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हो पाई जबकि विनय के पास अपनी पहचान के सभी दस्तावेज भी है।

जब ये मामला एसडीएम करहल अशोक कुमार मौर्य के पास पहुँचा तो उन्होंने इसे काफी गंभीरता से लिया और जल्द ही जांच के बाद कड़ी कार्यवाही का भरोसा दिलाया। एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल इस मामले में fir दर्ज कर ली गई है। लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर कब तक विनय को अपने जिंदा होने के और कितने सबूत देने होंगे।

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