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कुलपति भी चाहें तो नहीं निकलवा सकते डिग्री !

by pawan sharma

आगरा। डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर आसीन डॉ अरविंद दीक्षित ने अपने कार्यकाल के 18 महीने पूरे होने के पश्चात खंदारी परिषद स्थित गेस्ट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलपति ने जहां अपने कार्यकाल के दौरान आगरा विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 18 माह में प्राप्त की गई उपलब्धियों को सबके सामने रखा तो वहीं इस दौरान उन्हें मिले कड़वे अनुभवों को भी बताया। उन्होंने स्वीकारा कि पिछले कई सालों में विश्वविद्यालय की व्यवस्था इतनी खराब हो चुकी थी कि कुलपति भी अगर चाहें तो वे अपनी डिग्री नहीं निकलवा सकते। हालाँकि इस समस्या का समाधान करते हुए अब उन्होंने डिग्री आवेदन करने की ऑनलाइन प्रक्रिया में बदलाव किया है जिसके बाद अब आगे से डिग्री आवेदन करने वाले प्रार्थी को काफी राहत मिलेगी।

कुलपति ने बताया कि अभी तब ऑनलाइन डिग्री के लिए आवेदन आई एनक्लोजर प्रक्रिया के तहत होते थे। जिसमें आवेदन करने वाले को यह जानकारी नहीं होती थी कि उसकी डिग्री आवेदन की प्रक्रिया कहाँ तक पहुँच चुकी है या फिर उसे एक फ़ाइल में बंद करके कहीं कोने में तो नहीं डाल दिया। इसके चलते वह कई बार विवि के चक्कर काट कर परेशांन हो जाता था। थक हार कर कई लोग अपने काम बनाने के लिए विवि में मंदिर की तरह चढ़ावा चढ़ाते थे।

अब इस प्रक्रिया में बदलाव कर कुलपति ने ऑनलाइन डिग्री आवेदन आई-एनक्लोज़र को टी-एनक्लोज़र में बदल दिया है। जिसके बाद डिग्री के लिए आवेदन करने वाला प्रार्थी न केवल ऑनलाइन डिग्री आवेदन में हुई गलतियों को सुधार सकता है बल्कि वह आवेदन से जुडी हर जानकारी को ट्रैक कर सकता है कि उसकी डिग्री फ़ाइल कहाँ तक पहुँच गयी। इतना ही नहीं डिग्री आवेदन के बाद डिग्री देने के लिए 25 दिन की डेडलाइन भी तय की गयी है।

इसके अलावा कुलपति ने बताया कि विवि नेशनल अकादमिक डिपॉज़िटर के तहत स्टूडेंट सेल्फ डिजिटल लॉकर की सुविधा मुहैया कराने जा रहा है। जिसमें विद्यार्थी का पूरा रजिस्ट्रेशन के साथ उसकी अकैडमिक स्टडी और मार्कशीट की पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसके चलते मार्कशीट संबंधी समस्याओं को लेकर विवि में चक्कर काटने वाले छात्र गायब हो जाएंगे और ऑनलाइन ही उनका वेरिफिकेशन हो सकेगा।

विवि को नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए कुलपति ने अगले 4 माह के लिए तमाम कार्य-योजनाएं बना रखी है जिसके पूरे होने के बाद वास्तव में पूरे प्रदेश में यह विवि अन्य विवि के लिये एक मिशाल बनेगा।

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