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किसान दाने-दाने को मोहताज़, अधिकारी उड़ा रहे मौज

by pawan sharma

आगरा। किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है लेकिन किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार है कि वायदे कर मुकर जाती हैं तो प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता है। ऐसा ही कुछ बरौली ब्लॉक के पचगई खेड़ा गांव में देखने को मिल रहा है। इस गांव से सिंचाई विभाग की नहर के किनारे सिंचाई विभाग का नाला बना हुआ है। इस नाले की पुलिया टूट जाने के कारण नाले का पानी एक किसान के खेतों में घुस गया है। पिछले 8 दिनों से क्षेत्र का पानी नाले के माध्यम से खेतों में जमा हो रहा है जिसके कारण किसान की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।

इस समस्या से किसान ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को रूबरू कराया है। अधिकारियों ने इस क्षेत्र का दौरा किया और किसान की समस्या को भी देखा लेकिन 8 दिन बीत जाने के बाद भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। 8 दिनों में किसान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई और किसान रोजी रोटी के लिए भी मोहताज हो गया लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी है कि इस भीषण गर्मी में अपने ऑफिस में AC का मजा ले रहे हैं लेकिन इस किसान की समस्या समाधान के लिए उनके पास शायद समय नहीं है।

किसानों ने बताया कि क्षेत्र में सिंचाई विभाग की नहर है जो खारी नदी में जाकर मिलती है। इसी नहर से सिंचाई विभाग ने इस नाली को जोड़ रखा है। इस नाले को जोड़ने का मुख्य कारण यह था कि खेतों में क्षेत्र का गंदा पानी नहीं जाए लेकिन इस नाले की आज तक सफाई नहीं हुई है जिसके कारण नाला भी पूरी तरह से गंदगी से पटा हुआ है। नाले की पुलिया टूट जाने के कारण नाले का पूरा गंदा पानी खेतों में भर गया लेकिन सिंचाई विभाग ने किसान की समस्या का निदान नहीं किया।

किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग इस समय सबसे भ्रष्ट विभाग है। नहर और नालों की सफाई कागजातों पर हो जाती है और उस सफाई का पैसा अधिकारियों की जेब में चला जाता है और इसका खामियाजा किसानों को अपनी फसल को बर्बाद करके चुकाना पड़ता है।

फिलहाल किसान नेता श्याम सिंह चौहान और क्षेत्रीय किसानों ने ऐलान किया है कि अगर पीड़ित किसान को सिंचाई विभाग ने किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया तो संबंधित अधिकारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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