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एक दामाद ने दिया दुखों का पहाड़ तो एक दामाद ने निभाया फ़र्ज़

by pawan sharma

आगरा के एक परिवार पर ऐसा कहर टूटा है कि मानो उस परिवार की पूरी दुनिया ही लुट गई हो। जिस परिवार में शादी के गीत और शादी की तैयारियां चल रही थी। बेटी की विदाई होनी थी लेकिन कुछ ही घंटों में यह सब कुछ मातम में बदल गया। चारों तरफ गंभीर माहौल हो गया और कुछ ही घंटों में परिवार का सब कुछ बिगड़ता हुआ चला गया। जिस घर से डोली उठी थी उसी घर की बड़ी बेटी की उसी दिन अर्थी उठी। मानो यह दृश्य सभी को झकझोर देने वाला था। हर कोई पीड़ित परिवार को सांत्वना दे रहा था और भगवान से यही दुआ कर रहा था कि कभी भी किसी परिवार के साथ ऐसा ना हो।

मामला जगदीशपुर थाने के गाढ़ी भदौरिया क्षेत्र का है। फौज से रिटायर्ड वीरेंद्र सिंह की तीसरी बेटी शालू की 23 नवंबर को शादी थी लेकिन 23 नवंबर को उसकी बड़ी बेटी जो जिंदगी के लिए मौत से लड़ रही थी वो जिंदगी की जंग हार गयी। यानी जिस घर से डोली उठनी थी अब उस परिवार की बड़ी बेटी की अर्थी भी उसी घर से उठ रही थी। बताया जाता है कि पीड़ित वीरेंद्र ने अपनी बेटी की शादी 12 साल पहले ट्रांसयमुना में की थी। बेटी का पति पुष्पेन्द्र फौजी है लेकिन शादी के बाद से ही बड़ी बेटी को दहेज़ के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। छोटी बेटी शालू की लगन के दौरान भी कहा-सुनी हुई।

पति पुष्पेन्द्र 20 नवंबर को अपनी पत्नी को जला कर फरार हो गया। जिसका 2 दिनों से हॉस्पिटल में इलाज़ चल रहा था।
बड़ी बेटी के शव को घर के बाहर रख कर सारे संस्कार किये। शाम को बेटी शालू के घर से कुछ लोग आये और फेरे डाल बेटी को ले गए। अपने नए दामाद के इस कार्य के लिए पीड़ित कृतज्ञ है। वहीं नए दामाद ने भी पुरे परिवार का साथ देने और दहेज़ लोभी के खिलाफ क़ानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है।

रिपोर्टर ;- सतेन्द्र कुमार

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