आगरा। जनकपुरी आयोजन में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रोज एक नया विवाद सामने आ जाता है जिसको लेकर समिति के लोगों को समझाया जाता है। अब फिर विरोध के स्वर उठने लगे है। अभी तक कद और पद को लेकर चल रही लड़ाई अब मान सम्मान में बदलती जा रही है। विवादों की फेहरिस्त में एक और नया मामला तब जुड़ गया जब जनकपुरी आयोजन को लेकर छपे पेंपलेट में एक नया नाम और सर्व व्यवस्था प्रमुख का पद जुड़ गया। इसकी घोषणा भी विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने की और प्रदीप खण्डेलवाल को सर्व व्यवस्था प्रमुख बना दिया गया।
इसको लेकर विकास कार्यों को देख रही समिति के पदाधिकारी और क्षेत्रीय लोग भड़क गए। आनन-फानन में सभी ने राधा कृष्ण मंदिर में एक बैठक आयोजित की और जनकपुरी आयोजन में चल रही मनमानी पर अपना गुस्सा उतारते हुए विधायक जगन प्रसाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
क्षेत्रीय पार्षद व स्थानीय लोगों का कहना था कि यहां पर सब लोग अपने मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। जिसका जो मन में आ रहा है वह कर रहे हैं। सभी के केंद्र में एक ही व्यक्ति है। हालांकि निशाने पर है लेकिन फिर भी नाम लेने से सभी बच रहे थे। आलम यह रहा कि लगातार जनकपुरी आयोजन समिति के आला पदाधिकारियों के व्यवहार से नाराज पार्षद नेहा गुप्ता बात करते-करते रो पड़ी।
गौरतलब है कि 1 दिन पूर्व ही अचानक सर्व व्यवस्था प्रमुख का पद सृजित किया गया और प्रदीप खंडेलवाल को उसकी जिम्मेदारी दी गई। अचानक इस अवतरण से जनकपुरी आयोजन समिति और क्षेत्रीय निवासी भड़क गए और उन्होंने राधा कृष्ण मंदिर में बैठक कर नाराजगी जताई कि भले ही इस आयोजन में विभिन्न समितियां बना दी हो लेकिन किसी को कोई सम्मान नहीं दे रहा है। ऊपरी स्तर के तीन-चार लोग ही मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। समितियों में राजा जनक स्वागत अध्यक्ष से लेकर अध्यक्ष मंडल की भी 1-2 अध्यक्षों की रवैया पर नाराजगी जाहिर की।
जनकपुरी आयोजन में अब महज हफ्ता भर विशेष नहीं है लेकिन अखाड़ा बनी जनकपुरी में रोज नया नया दंगल देखने को मिल रहा है। जनकपुरी अखाड़े में उतरे नई पहलवान पुराने पहलवानों से टक्कर लेने की कोशिश तो कर रहे हैं लेकिन पुराने अनुभवी पहलवानों के दाव पेचों के आगे इनकी एक नहीं चल पा रही है। उसमें चाहे फिर राजनीति के बड़े जनप्रतिनिधियों या फिर छोटे जनप्रतिनिधि सभी बीच वाले जनप्रतिनिधि से टक्कर लेने पर चारों खाने चित ही हो रहे हैं। लिहाजा अब दांव पर छोड़ सहानुभूति तरीके से जन समर्थन हासिल कर जनकपुरी की परतें खोलने की कोशिश हो रही है।