गुरुवार को इलाहाबाद के पॉश इलाके के मनमोहन पार्क के पास दो अज्ञात बाइक सवारों ने एडवोकेट राजेश कुमार श्रीवास्तव को गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की जानकारी होते ही अधिवक्ताओं का आक्रोश फूट गया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता सड़क पर आ गए।
अधिवक्ताओं ने सड़क जाम कर दी और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर आक्रोशित अधिवक्ताओं ने सड़क पर खड़ी बस को फूँक दिया। घटना की जानकारी होते ही पुलिस ने मोर्चा संभाला लेकिन अधिवक्ताओं ने अपराधियो को पकड़ने के लिए जमकर बवाल काटा। यह घटना उस समय पर हुई जब प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी अपराध व कानून व्यवस्था की समीक्षा करने इलाहाबाद आए हुए हैं।
घटना सुबह 10.30 बजे आसपास की है। 45 वर्षीय राजेश श्रीवास्तव अपनी बाइक से कचहरी जा रहे थे। मनमोहन पार्क के पास दो अपराधियों ने पीछाकर उनकी कनपटी में गोली मारी दी और फरार हो गए। आनन फानन में घटना स्थल पर मौजूद लोग घायल अधिवक्ता को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक देर हो गयी।
चिकित्सकों का कहना था कि गोली लगने से अधिवक्ता की मौके पर ही उनकी मौत हो गयी। बताया जाता है कि जिस स्थान पर यह वारादात हुई वहां से थोड़ी देर पहले ही मुख्य सचिव व डीजीपी का काफिला निकला था।
इस घटना से वकीलों में भारी आक्रोश है। सैकड़ों वकीलों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया है तो वही भारी संख्या में अस्पताल भी पहुँच गए। अधिवक्ताओं का कहना है कि इलाहाबाद में अपराध बेकाबू है। अपराधियों में कानून का डर नहीं रहा। दो दिन पहले ही फूलपुर में भाजपा नेता पवन केसरी की हत्या हुई थी। कुछ दिन पहले यूको बैंक में डकेती पड़ी और लुटेरे 17 लॉकर काटकर 10 करोड़ के गहने लूट ले गए। अभी तक इनमें एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई और आज सरेआम अधिवक्ता को गोली मार दी गयी।
एसएसपी आकाश कुलहरि का कहना है कि घटना की जांच पड़ताल शुरु कर दी गयी है। नाकेबंदी कर अपराधियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। एसएसपी का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या इस घटना के पीछे जमीन का विवाद है। अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव जमीन के किसी पुराने केस में पैरवी कर रहे थे।
सबसे अहम यह बात है कि डीजीपी शहर में अपराध की समीक्षा कर रहे और बीच अपराधी बैखोफ होकर सड़क पर अपराध को अंजाम दे रहे थे। साथी अधिवक्ता की हत्या से वकीलों में आक्रोश देख पूरे शहर में पुलिस की तैनाती कर दी है।