फतेहाबाद। स्वास्थ्य विभाग इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में दुकान खोलकर बैठे झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ छापामार कार्यवाही को अंजाम दे रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अपनी दुकान खोलकर बैठे झोलाछाप चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यवाही का कोई खौफ नहीं है। जब जब स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके खिलाफ कार्यवाही करती है तब यह चिकित्सक अपनी दुकानें बंद करके भाग जाते हैं या सेटिंग कर दुकानों को चलाने का काम करते रहते हैं। यह झोलााछाप चिकित्सक मरीजों की जान से तो खेल ही रहे है वहीं बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण भी ठीक प्रकार सेे ना कर इसे खुले में फेंकने से भी नहीं चूक रहे हैं।
देखा जाए तो इस समय मौसमी बीमारियों का प्रकोप अपनी चरम सीमा पर फैला हुआ हैै। वायरल बुखार, खांसी, जुकाम, खुजली आदि प्रकार की अनेक बीमारियों के मरीज घर घर में देखे जा रहेे हैं। डॉक्टरों की दुकानों पर भारी भीड़ है। ऊपर से झोलाछाप व पैथोलॉजी लैब संचालक डंके की चोट पर खुलेआम सड़कों और नालियोंं मे बायोमेडिकल बेस्ट को बहा रहे है। इनका सही निस्तारण सही ढंग से ना होने से संक्रमण रोगों के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। झोलाछाप मरीजों का इलाज करने के बाद सिरिंज गौज समेत अन्य बायोमेडिकल बेस्ट को सड़कों और नालियों में फेंक रहे है। जिन्हें पशु भी खा जाते हैं।
इन दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप वह बायोमेडिकल वेस्ट खुले में फेंकने वालों के विरुद्ध छापामार कार्यवाही की जा रही है लेकिन झोलाछाप व पैथोलॉजी संचालक बिना किसी खौफ के मरीजों को दवा देने के बाद निकलने वाली बायो मेडिकल वेस्ट को खुलेआम सड़कों पर फेंका जा रहा है जो अनेक प्रकार की जानलेवा बीमारियां फैलने का खतरा पैदा कर रही हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टर का कहना है कि ऐसे डॉक्टर और पैथोलॉजी संचालकों को के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पैथोलॉजी वह हॉस्पिटल संचालकों को चेतावनी दी है कि वह बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में ना फेंके उसे मानक के हिसाब से नष्ट कराने का काम करें। अगर कोई भी हॉस्पिटल संचालक व पैथोलॉजी संचालक बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकेगा उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।