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महिलाएं दिलाएंगी शहर को कूड़े से आज़ादी – महापौर

by pawan sharma

आगरा। घर से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण अगर घर पर ही हो जाए तो आगरा शहर में व्याप्त कूड़े की समस्या पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा। इस योजना को आधी आबादी यानी घर की लक्ष्मी साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। कुछ इसी सोच के साथ महापौर नवीन जैन ने मेरा शहर मेरा योगदान अभियान के तहत घर से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए होम कंपोस्टिंग यूनिट के तहत नीले कंपोस्टिंग डस्टबिन वितरण कार्यक्रम का आयोजन सूरसदन प्रेक्षागृह में किया।

इस कार्यक्रम में महापौर नवीन जैन, नगर आयुक्त अरुण प्रकाश,अपर नगर आयुक्त केबी सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। साथ ही पार्षद, महिला संगठन और घर के कूड़े का घर पर ही निस्तारण का कार्य कर रही एनजीओ की प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

सूरसदन प्रेक्षागृह में चल रही कूड़ा प्रबंधन वर्कशॉप के दौरान आयोजित हुए इस कार्यक्रम में महिलाओं को घर के गीले कचरे को कैसे निस्तारण कर उसकी खाद बना सकते है इसकी जानकारी उपलब्ध कराई और सभी को कूड़े से खाद बनाने की प्रक्रिया समझाई गयी। इसके बाद महापौर नवीन जैन और नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने वर्कशॉप में शामिल हुई महिलाओं को कम्पोस्टिंग नीले डस्टबिन वितरित किये। इन डस्टबिन को पाकर महिलाये काफी उत्साहित दिखाई दी। पहले चरण के अंर्तगत 100 महिलाओं को यह डस्टबिन दिए।

महापौर नवीन जैन का कहना था कि आगरा शहर को स्वच्छ और कूड़ा मुक्त बनाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन मेरा शहर मेरा योगदान के तहत महिलाएं इस अभियान से जुड़े और अपने घर व किचिन के गीले कूड़े का निस्तारण घर पर ही स्वयं करें इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। अगर महिलाएं घर के कूड़े का निस्तारण घर पर ही खाद के रूप में कर देती हैं तो आगरा शहर जल्द ही कूड़ा मुक्त और स्वच्छ बन सकता है। इस योजना के तहत नगर निगम पहले चरण में करीब साढ़े पांच हजार नीले डस्टबिन जो कि रसोई वेस्ट वा गीले कूड़े से खाद बनाने का कार्य करेंगे उनका वितरण किया जा रहा है। इस डस्टबिन के माध्यम से होम कंपोस्टिंग का कार्य घर पर ही हो सकेगा तो दूसरी ओर महानगर के कूड़े निस्तारण का भी उचित प्रबंधन हो जाएगा। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वालों को भी सूखा व गीला कूड़ा अलग अलग मिल सकेगा।

महापौर नवीन जैन का कहना था कि जिन महिलाओं को गीले वेस्ट से खाद बनाने के लिए डस्टबिन दिए जा रहे है उन्हें आधार से लिंक किया जा रहा है और जो महिलाएं स्वेच्छा से इन डस्टबिन को लेकर कूड़ा प्रबंधन में सहयोग करना चाहती हैं वह आधार कार्ड की फोटोस्टेट नगर निगम में जमा कर प्राप्त कर इन डस्टबिन को प्राप्त कर सकती है।

महापौर नवीन जैन ने बताया कि घर व किचिन के गीले कचरे से खाद बनाना बेहद आसान है। घर व किचन से निकलने वाले सभी प्रकार के गीले कूड़े को इस नीले डस्टबिन में एकत्रित करना है और उस कूड़े को 20 से 25 दिन तक ढक कर रखना पड़ेगा। 20 से 25 दिन में स्वयं ही यह कचरा खाद का रूप ले लेगा या फिर जल्द ही कचरे को खाद का रूप देना है तो इस डस्टबिन में गुड़ या फिर केमिकल डालकर कचरे को जल्द खाद का रूप दे सकते है।

नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि सूरसदन प्रेक्षागृह में कूड़ा प्रबंधन को लेकर दो दिवसीय सेमिनार चल रहा है। इस सेमिनार के दौरान ही होम कंपोजिटिंग को बढ़ावा देने के लिए कूड़े से खाद बनाने वाले डस्टबिन वितरित किए गए हैं। इस दौरान सभी को यह भी समझाया गया है कि वह इस डस्टबिन में अपने घर व किचन का गीला कूड़ा डालकर कैसे नेचुरल खाद बना सकते हैं और उसका उपयोग वृक्षारोपण के दौरान किया जा सकता है। नगर आयुक्त अरुण प्रकाश का कहना था कि सूरसदन में चल रही कूड़ा प्रबंधन वर्कशॉप के दूसरे दिन प्लास्टिक वेस्ट व हेजार्डस वेस्ट पर चर्चा की गई है।

इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त केबी सिंह, पर्यावरण अभियंता राजीव राठी, पार्षद शरद चौहान, आशीष पाराशर, इको फ्रेंड वेलफेयर सोसायटी से मनिंदर कौर, अंजू दियालानी और दिल्ली से आई राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की डॉ0 शुक्ला पाल मौजूद रही।

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