आगरा। थाना कागरोल पुलिस पर गंभीर धाराओं का मुकदमे को हल्की धाराओं में किए जाने का आरोप लगा है। मामला पुलिस की मौजूदगी में हथियार लहराने और फायरिंग का है। दरअसल 15 अक्टूबर की सुबह 9:33 पर दीपक नाम के एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला हुआ जिसकी सूचना इलाकाई पुलिस को दी गई। इलाकाई पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंची पुलिस के सामने ही हथियार लहराते कुछ दबंगों ने दीपक नाम के शख्स को घेर लिया और हथियार लहराने के साथ-साथ फायरिंग भी कर दी।
बताया जाता है कि इस मामले में पुलिस ने अपनी ओर से मुकदमा दर्ज किया जिसमें बलवा और मारपीट की धाराएं लगाई गई और चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया। मगर कागारौल थाना क्षेत्र का रहने वाला पीड़ित मनोज और उसके साथ एक महिला एसएसपी आगरा के समक्ष पेश हुए। एसएसपी आगरा के समक्ष पेश होने वाले पीड़ित और महिला ने आरोप लगाया कि थाना कागारौल पुलिस ने जानलेवा हमले की धारा को हटाकर मामूली धाराओं में चालान कर आरोपियों को जेल भेज दिया है। जबकि पुलिस के सामने हथियार लहराते दबंगों का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें साफ तौर पर देख सकते हैं कि दबंग पुलिस के सामने हथियार लहरा रहे हैं।
इन दोनों पक्षों में रंजिश बहुत पुरानी है। पूर्व में भी थाना रकाबगंज के जिला अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया था जिसमें थाना रकाबगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भी भेजा था। बावजूद इसके अभी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मगर एसएसपी के सामने पेश होने वाली पीड़ित ने थाना कागारौल पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं।
उधर क्षेत्राधिकारी अछनेरा नम्रता श्रीवास्तव का कहना है कि पुलिस ने अपनी ओर से मुकदमा दर्ज किया। चार आरोपियों को जेल भेजा है और जो सीसीटीवी फुटेज पुलिस को दिया गया है जिसमें दबंग पुलिस की मौजूदगी में हथियार ले रहे हैं। उन सीसीटीवी फुटेज को चेक किया जा रहा है।
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आगरा पुलिस पर गंभीर धाराएं हटाकर छोटी धाराओं में चालान करने के तमाम आरोप लगे हैं और एक बार फिर कागारौल पुलिस इसी आरोपों से घिर गई है।