आगरा में ताजमहल के दीदार को आने वाले देशी और विदेशी महिला पर्यटकों को अब स्मारक के अंदर फीडिंग रूम की सुविधा मिलने जा रही है। इस फीडिंग रूम में माँ अपने नवजात और छोटे छोटे बच्चों को बिना किसी झिझक के ममता भरा पौष्टिक आहार दे सकेगी। मोहब्बत का प्रतीक ताजमहल देश का पहला ऐसा स्मारक होगा जिसमें फीडिंग रूम बनाया जा रहा है जिसकी जानकारी अधीक्षण पुरातत्विद् बसंत कुमार ने दी।
अधीक्षण पुरातत्विद् बसंत कुमार ने बताया कि फीडिंग रूम बनाने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। कारीगर इस काम को जल्द पूरा काम कराने के लिए लगातार जूट हुए है। यह फीडिंग रूम करीब 12 फुट ऊंचा और 9 फुट लंबा होगा जिसकी लागत करीब सवा लाख रुपए आएगी है। नवजात शिशुओं और छोटे छोटे बच्चों की माँ को फीडिंग के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए पंखा और बैठने के लिए उचित व्यवस्था की गई है। रॉयल गेट के निकट बनी वीआईपी टॉयलेट के पास बरामदे में इस फीडिंग रूम का निर्माण कराया जा रहा है।
अधीक्षण पुरातत्विद् बसंत कुमार ने बताया कि ताजमहल पर एक साल में औसतन करीब एक करोड़ से अधिक सैलानी ताज दीदार के लिए आगरा आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिला पर्यटक भी होती हैं जिनके नवजात शिशु और नौनिहालों के साथ ताज दीदार करने आती है। ऐसे में फीडिंग रूम ना होने से उन्हें माताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रोते हुए बच्चों को चुप कराने में काफी परेशानी होती है। इस समस्या को देखते हुए स्मारक के अंदर फीडिंग रूम बनाने की कवायद की गई है। इस रूम के लिए राॅयल गेट के समीप बने बरामदे में स्थान दिया गया है। फीडिंग रूम लकड़ी और एलमुनियम से बनाया जा रहा है। फीडिंग रुम का कार्य एक हफ्ते में पूरा हो जाएगा।