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आवारा जानवरों और गौवंश से परेशान किसानों ने उठाया ये कदम, प्रशासन में मचा हड़कंप

by admin

आगरा। सरकार द्वारा आवारा पशुओं के लिए तमाम योजनाओं की घोषणा कर चुकी हो लेकिन किसान को इसका फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। खेती में होने वाले नुकसान से प्रदेश भर के किसान पहले से ही परेशान हैं लेकिन अब आवारा पशुओं के आतंक ने उनके दिन का चैन और रात की नींद उड़ा दी है। दिनभर खेती करने वाले किसान रात को आवारा पशुओं से उस खेती को बचाने की जुगत के लगे रहते है। ऐसा ही कुछ हाल फतेहाबाद के गांव गुबरौठ में देखने को मिल रहा है।

प्रशासन व सरकार से कोई सहायता न मिलने से आक्रोशित किसानों ने आवारा पशुओं से निपटने के लिए खुद ही उठ खड़े हुए है। बीती रात एक अभियान चलाकर इस गांव के तमाम किसानों ने सैकड़ों की तादाद में आवारा गायों और गोवंशों को एकत्रित कर तहसील कार्यालय में पहुँचा दिया और सभी पशुओं को तहसील के बंद कर दिया। तहसील में आवारा गायों और गौवंश को बंद किये जाने की सूचना पर प्रशासन में भी हड़कम्प मचा हुआ है।

पीड़ित किसानों का कहना था कि रात और दिन मेहनत से खेती को सीचने के बाद आवारा गायों व गौवंशों द्वारा एक ही रात में पूरी खेती को नष्ट कर दिया। गांव में दर्जन भर किसान इसी समस्या से जूझ रहे है लेकिन सरकार और प्रशासन को इससे कोई सरोकार नही है। आवारा पशुओं के आतंक को रोकने के लिए किसानों द्वारा लाखों रुपए की फेंसिंग तक कराई है लेकिन इसके बावजूद भी पशु किसान की खेती को उजाड़ रहे है। आक्रोशित किसानों ने गायो और गोवंशों को तहसील के बंद करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर भी हमला बोला।

उनका कहना था कि सरकार गौशाला के नाम पर फतेहबाद में लाखों रुपया खर्च कर रही है लेकिन तह पैसा कहा खर्च हो रहा है यह आजतक नही पता चला है। अभी तक फतेहाबाद क्षेत्र में एक भी ऐसी गौशाला नहीं है जिस में आवारा गायों को पहुंचाया जा सके।

किसानों ने साफ कर दिया है कि जबतक आवारा पशुओं को रखने की कोई उचित व्यवस्था नही होती तब तक सभी आवारा पशु तहसील में ही रहेंगे। अगर इन्हें सड़क पर छोडने के लिए बाहर निकाला गया तो किसान प्रशासन से भी दो दो हाथ करने को तैयार है।

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