Home » 1947 का रोल नंबर 561 आगरा विश्वविद्यालय के लिए बन गया है ख़ास, जाने कैसे

1947 का रोल नंबर 561 आगरा विश्वविद्यालय के लिए बन गया है ख़ास, जाने कैसे

by admin

आगरा। छात्रों के शैक्षिक रिकॉर्ड संबंधी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने में फेल डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के शैक्षिक दस्तावेज खो जाने को लेकर न केवल कई बार लताड़ लग चुकी है बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन की विश्वसनीयता पर भी कई बार सवाल उठाए गए हैं। लेकिन पिछले कुछ दरमियां से आगरा विश्वविद्यालय ने वर्तमान कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित के नेतृत्व में न केवल काफी सुधार किया है बल्कि स्व. अटल बिहारी बाजपेई के खोए हुए शैक्षिक दस्तावेजों को ढूंढकर खोई हुई विश्वसनीयता को भी प्राप्त कर लिया है।

शुक्रवार को खंदारी परिसर स्थित अतिथि गृह में कुलपति डॉ अरविंद कुमार दीक्षित की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। जिसमें कुलपति ने बताया कि स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई के शैक्षिक संबंधी दस्तावेज मिल गए हैं। दस्तावेजों को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उन्होंने अटल जी का पूरा नाम भी बताया। दस्तावेजों में अटल जी का पूरा नाम अटल बिहारी लाल बाजपेई लिखा हुआ है।

बताते चलें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने 1945 में अपने पिताजी के साथ विधि की पढ़ाई की। उसके बाद पिताजी के साथ पढ़ाई छोड़ उन्होंने एम ए राजनीति शास्त्र में प्रवेश लिया था। 1947 में अटल जी ने राजनीतिक शास्त्र से परीक्षा उत्तीर्ण की थी जिसमें अटल जी का रोल नंबर 561 अंकित है और उन्होंने यह पढ़ाई कानपुर के डीएवी कॉलेज से की थी। तत्कालीन समय में यह कॉलेज आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध था।

कुलपति डॉ दीक्षित ने बताया कि स्व. अटल जी के युवा दस्तावेज अब राष्ट्रीय धरोहर के रूप में है जिनको विश्वविद्यालय डिजिटल फॉर्मेट में तैयार करा कर संरक्षित करेगा।

बहरहाल अटल जी के जीते जी और पीएमओ के पूछने के बाद भी आगरा विश्वविद्यालय प्रशासन उनके शैक्षिक दस्तावेज को उपलब्ध ना करा सका लेकिन अब अटल जी के गुजरने के बाद इन शैक्षिक दस्तावेजों को ढूंढकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने वास्तव में उन्हें एक सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम किया है।

Related Articles

Leave a Comment