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प्रत्येक नागरिक को मूलभूत सुविधाएं दिलाने का काम करेगी महापौर परिषद:- नवनिर्वाचित अध्यक्ष नवीन जैन

by admin

आगरा। पूरा देश रेगिस्तान की ओर बढ़ रहा है। गिरता भूजल देश की सबसे बडी समस्या बन गया है। इसके अलावा घर से लेकर हर गली और पूरा शहर स्वच्छ व हरा-भरा हो इन सभी मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय महापौर परिषद गम्भीर है। देशभर के महानगरों के महापौरों ने मुझ पर विश्वास व्यक्त कर सर्वसम्मति से अखिल भारतीय महापौर परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद हमने प्रत्येक नागरिक को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये प्राथमिकतायें तय की हैं जिसके तहत महापौर परिषद भूजल, पेयजल, ग्रीन सिटी और स्वच्छता के मुद्दे पर कार्य करेगी। अखिल भारतीय महापौर परिषद का लक्ष्य है कि प्रत्येक निगम बोर्ड वाले शहरों में पेयजल व सीवर लाईन का ढांचा मजबूत हो, साथ ही केन्द्र सरकार व प्रदेश के समक्ष मांग रखेंगे कि उनकी जितनी भी योजनाएं संचालित हैं उनमें वाटर हार्वेस्टिंग के लिये भी एक योजना हो जिसमें जो भी नागरिक अपने घर व संस्थानों में वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान कर रहे हैं उनके लिये सब्सिडी रखी जाए। अधिवेशन के पहले दिन हुई महापौर परिषद की बैठक में देशभर से आये सभी महापौरों ने अपने-अपने शहर की मूलभूत समस्याओं, महापौर के अधिकार और नगर निकायों को मजबूत बनाये जाने पर चिन्तन किया, बैठक के अन्त में सभी महापौरों ने मिलकर एक एजेण्डा तैयार किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिये समय निर्धारित करने की मांग की ताकि महापौर परिषद के नेतृत्व में सभी महापौर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर यह सुझाव रखेंगे कि नगर निकाय और कैसे बेहतर कार्य कर सकती है।

देष के सभी महानगरों में पेयजल की विकराल समस्या है। एक अनुमान के मुताबिक महानगरों के 10 से 30 प्रतिशत भाग में पेयजल की लाईन नहीं बिछी है। शहर के प्रत्येक नागरिक को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु पेयजल की पाईप बिछाने का प्रयास करेंगे साथ भूजल का गिरता हुआ स्तर चिन्ता का विषय है जहाँ जमीन के 50 फीट नीचे पेयजल उपलब्ध होता था वहीं वर्तमान में वह स्तर 400 से 500 फीट तक पहुँच गया है। जमीन खोखली होती जा रही हैं। यही हाल रहा तो लगभग 25 साल बाद देश का 50 प्रतिशत भाग रेगिस्तान बन जाएगा। गिरते जलस्तर के कारण जमीन खाली होने की वजह से भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है, इसके लिये हम प्रयास करेंगे कि सभी महानगरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया जाए। पूरे देष के महानगरों को हरा-भरा बनाने के लिये सभी महापौरों ने ग्रीनसिटी का नारा दिया है जिसको साकार करने के लिये महापौर परिषद प्रयास करेगी, जबकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी महापौर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा चलाये गये स्वच्छता अभियान को सफल बनाएंगे। शहर की मूलभूत सुविधाएं प्रत्येक नागरिक की पहुॅच में हो इसके लिये महापौर परिषद कार्य करेगी। देश में त्रिस्तरीय सरकार में जहाँ केन्द्र व प्रदेश सरकार का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है वहीं स्थानीय सरकार यानी निगम बोर्ड का कार्यकाल देश में कहीं 5 वर्ष तो किसी प्रान्त में ढाई वर्ष तो केन्द्रशासित प्रदेश व कर्नाटक सहित कई राज्यों में तो मात्र एक वर्ष का ही हेाता है जिसमें चुनाव प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है। कहीं जनता सीधे अपने महापौर को चुनती है तो कहीं पार्षदों के माध्यम से महापौर का निर्वाचन होता है। मेरा प्रयास रहेगा कि एक राष्ट्र एक नगर निगम और एक नियमावली लागू करने के लिए केन्द्र व विभिन्न राज्य सरकारों से महापौर परिषद मांग करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाॅधी के कार्यकाल में 73वें व 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से त्रिस्तरीय सरकार की बात कही गई थी किन्तु ब्यूरोक्रेसी ने चतुराई से इसे राज्यों की मंशा पर निर्भर कर दिया। अखिल भारतीय महापौर परिषद केन्द्र सरकार से पुरजोर मांग करेगी कि वह एक राष्ट्र एक चुनाव की तर्ज पर एक राष्ट्र एक नगर निगम व एक नियमावली के तहत अध्यादेश जारी करे।

जिस तरह से देशभर के महापौरों ने एक मत होकर सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए सहमति प्रदान की है व मुझ पर अपनी कार्यकारिणी तय करने का अधिकार दिया है, मैं उनके विश्वास पर निष्ठा रखते कार्यकारिणी का गठन कर सभी महापौर एक साथ मिलकर नगर निकायों को मजबूती प्रदान कराने के लिए पूरी मजबूती के साथ अपनी बात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व केन्द्र के शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के समक्ष रखेंगे।
सभी महापौरों ने एकमत से निर्णय लिया है कि स्वच्छता सर्वेक्षण जनवरी, 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की स्वच्छ भारत मंशा को पूरा करने के लिए पुरजोर ताकत लगाएगी व स्वच्छता सर्वेक्षण जनवरी, 2020 में देशभर में प्रथम दस स्थान पर रहने वाले महानगरों को अखिल भारतीय महापौर परिषद सम्मानित करेगी।

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