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21 अक्टूबर को सरकार हिला सकता है किसानों का ये धरना

by pawan sharma

आगरा। भूमि बचाओ किसान संघर्ष समिति के बैनर तले एत्मादपुर तहसील के छलेसर में किसानों का धरना 12 दिनों से दिन और रात लगातार चल रहा है। धरने में किसान अपने बीवी बच्चों सहित दिन और रात बैठे हैं। लेकिन अन्नदाता की सुनवाई के लिए देश व प्रदेश की भाजपा सरकार तैयार नहीं है जिससे धरना रत किसानों में आक्रोश है और यह किसान 21 अक्टूबर को एक विशाल किसान पंचायत का धरना स्थल पर ही आयोजन करने जा रहे हैं जिसमें विपक्ष के बड़े नेताओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।

दरअसल एत्मादपुर के कुबेरपुर से होते हुए निकले यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास जे पी टाउनशिप द्वारा हजारों किसानों की जमीन को लिया गया था लेकिन कई वर्षों बाद आज भी सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिनके इच्छा के बगैर जीपी ग्रुप में जमीन भी ले ली और उसकी कीमत किसानों को नहीं दी कुछ किसानों को जमीन का पूरा पैसा भी नहीं मिल पाया है। इसके उलट जब किसानों द्वारा आंदोलन किया गया था तब सैकड़ों किसानों पर मुकद्दमा दर्ज किए गए थे।
धरना दे रहे किसानों की यह प्रमुख तीन मांगे हैं-

1.जिन किसानों ने आज तक करार या पैसा नहीं लिया है।उनकी जमीन सरकार खसरा खतौनी में इन्द्राज की जावे।
2.जबर्दस्ती करार करने वाले किसानों का बकाया 64.7℅धनराशि व10%विकसित भूमी तत्काल प्रभाव से दी जावे।
3.किसानों पर लगे मुकदमें समाप्त किये जावें।
यमुना प्राधिकरण व जे.पी.इस मांग पत्र को मानने में असमर्थ है तो पूरी टाउनशिप रदद कर दी जावे।

इस धरने की अगुवाई कर रहे समिति के अध्यक्ष मनोज शर्मा ने बताया कि पिछले 12 दिनों में धरने के दौरान प्रदेश और देश की भाजपा सरकार का केवल एक जनप्रतिनिधि जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल के रूप में आया है जो हमारी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की बात का आश्वासन देकर गया है लेकिन अभी तक एक भी ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं आया जो किसान का दर्द को समझ सके और कोई ठोस आश्वासन दे कर किसान को न्याय दिला सके जबकि विपक्ष की ओर से सपा के जिला अध्यक्ष बसपा के पूर्व विधायक डॉक्टर धर्मपाल सिंह तथा राष्ट्रीय लोक दल और कांग्रेस का धरने को समर्थन प्राप्त है यही नहीं धरने को मथुरा और महाराष्ट्र से किसानों का समर्थन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि बसपा और सपा की सरकार में किसानों के साथ आंदोलनरत रहे मौजूदा आगरा सांसद रामशंकर कठेरिया और एत्मादपुर विधायक डॉ राम प्रताप सिंह चौहान ने भी किसानों की सुध लेना उचित नहीं समझा है। जिससे व्यथित होकर समिति 21 अक्टूबर को एक बड़ी किसान महापंचायत का आयोजन करने जा रही है जिसमें कई बड़े नेताओं के पहुंचने की आशंका है जिनमें कांग्रेस नेता और सिने स्टार राज बब्बर का नाम भी शामिल है।

धरने का संचालन कर रहे किसान नेता सर्वेश सिकरवार ने कड़े शब्दों में केंद्र और प्रदेश की सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि सरकार की मंशा किसानों के प्रति ठीक नजर नहीं आती यही कारण है कि दिन-ब-दिन किसानों के बिगड़ते हालात पर भी सरकार चुप बैठी है। लेकिन 21 अक्टूबर का किसानों का महापंचायत सरकार को हिला कर रख देगा और एहसास करा देगा किसान कि देश के निर्माण और संचालन में क्या महत्व है।

देश का अन्नदाता अपने खस्ताहाल पर रो रहा है तो वहीं किसान हित की बड़े-बड़े दावे करने वाली भाजपा सरकार किसानों की सुध लेने को तैयार नहीं है अब देखने वाली बात होती है कि किसानों द्वारा आयोजित 21 अक्टूबर की महापंचायत क्या रंग लाती है?
धरना किसानों में निहाल सिंह लक्ष्मण सिंह वीरेंद्र सिंह धर्मेंद्र सिंह अरविंद सिंह जय सिंह नारायण सिंह शीशपाल सिंह बंसीलाल गौरी शंकर विहार सिंह चंद्रपाल सिंह हरवीर सिंह महेश जी सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।

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