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बर्बादी की कगार पर किसान, दर्द बांटने को प्रतिनिधियों की दौड़

by pawan sharma

आगरा। आलू की गिरती कीमतों और कर्ज से पहले से ही किसान परेशान है लेकिन अब प्रकृति भी किसानों के साथ नहीं है। प्रकृति ने बीती रात ऐसा दर्द दिया है जिसे किसान भुला नहीं सकता है। बीती रात आई तेज आंधी और ओलों की बरसात ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है।

क़र्ज़ के बोझ तले परेशान किसान गेहूं की लहलहाती फसल को देख सुकून महसूस कर रहा था। किसान तैयार खड़ी गेहूं की फसल को काटने की तैयारी में था लेकिन तेज आंधी और ओलों की बरसात ने गेहूं की तैयार खड़ी फसल को नष्ट करके रख दिया। किसानों की बर्बाद हुई फसल का आंकलन करने और किसानों का दर्द जानने के लिए जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आगरा जिले का दौरा करना शुरू कर दिया है।

आगरा जिले के जितने भी ग्रामीण क्षेत्र है वहां पर पहुंच जनप्रतिनिधि किसानों से वार्ता कर उनकी नष्ट फसल की जानकारी ले रहे हैं जिससे सरकार की ओर से उन्हें मुआवजा दिला कर किसानों के जले हुए जख्मों पर थोड़ा सा मरहम लगाया जा सके और किसान को राहत दी जा सके।

एत्मादपुर विधायक रामप्रताप चौहान का कहना है कि प्रकृति का कहर किसानों पर बरपा है। सभी किसान को नष्ट फसल का मुआवजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयासः किया जायेगा।

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