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SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर कायम, 10 दिन बाद होगी सुनवाई

by pawan sharma

सुप्रीम कोर्ट। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कल भारत बंद के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और जान-माल के नुकसान का हवाला दिया था, जिसके बाद न्यायालय पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने पुनर्विचार याचिका पर दोपहर दो बजे सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ए के गोयल और न्यायमूर्ति यू यू ललित की मूल पीठ का गठन करने पर भी सहमति जताई। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह आपात स्थिति है क्योंकि बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और उन्होंने आज इस पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया।

गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जनविरोधी बताकर भारत बंद को लेकर प्रदेश में जगह-जगह टकराव की स्थिति रही। एसटी-एससी क्षेत्र में बंद कराने वाली भीड़ हिंसक हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को लोक सेवकों के खिलाफ कठोर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के दुरुपयोग पर विचार करते हुए कहा कि इस कानून के तहत दर्ज ऐसे मामलों में फौरन गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि एससी और एसटी कानून के तहत दर्ज मामलों में किसी भी लोक सेवक की गिरफ्तारी से पहले न्यूनतम पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा प्राथमिक जांच जरूर कराई जानी चाहिए। न्यायमूर्ति आदर्श गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा कि लोक सेवकों के खिलाफ एससी और एसटी कानून के तहत दर्ज मामलों में अग्रिम जमानत देने पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है। पीठ ने यह भी कहा कि एससी और एसटी कानून के तहत दर्ज मामलों में सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बाद ही किसी लोक सेवक को गिरफ्तार किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति आदर्श गोयल और ललित की पीठ ने कहा कि कानून के प्रावधानों के तहत दर्ज केस में सरकारी कर्मचारियों को अग्रिम जमानत देने के लिए कोई बाधा नहीं होगी। इस दौरान कोर्ट ने माना है कि एससी और एसटी एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है। पीठ ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारियों पर केस दर्ज करने से पहले डीएसपी स्तर का पुलिस अधिकारी प्रारंभिक जांच करेगा। किसी सरकारी अफसर की गिरफ्तारी से पहले उसके उच्चाधिकारी से अनुमति जरूरी होगी। एससी-एसटी एक्ट में कथित बदलाव के विरोध में सोमवार को भारत बंद के दौरान मध्यप्रदेश, यूपी, बिहार में जमकर हिंसा हुई। इस हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई। देशभर में कहीं गाड़ियां फूंकी गईं तो कहीं सड़कों पर जाम लगाया गया। पुलिस ने भी जमकर लाठियां भांजी।

छत्तीसगढ़ में राजधानी में बंद का खासा असर रहा। राजनांदगांव समेत कई जिलों में दुकानें बंद कराए जाने की कोशिश में जमकर विवाद भी हुआ। कहीं-कहीं रास्ता भी रोका गया। छत्तीसगढ़ के कई जगहों पर मारपीट, सार्वजनिक जगहों पर आगजनी और दुकानों में तोड़फोड़ की। वहीं, राजधानी रायपुर समेत कुछ जगहों पर हाथ जोड़कर दुकानें बंद कराई। इधर, प्रदेश के कुछ जिलों में बंद का मिला-जुला असर रहा। राजधानी रायपुर में मुख्य कलेक्टोरेट चौक पर आंबेडकर की मूर्ति के सामने प्रदर्शन किया गया। बड़ी संख्या में पहुंची भीड़ के कारण मुख्य मार्ग घंटों जाम रहा। साथ ही मंडी गेट के पास, गुढ़यारी, रविभवन के सामने भी भीड़ ने प्रदर्शन किया। कई बार भीड़ बेकाबू होने के प्रयास करती रही, लेकिन हजारों की संख्या में पुलिस जवान पीछे चल रहे थे, इसलिए राजधानी में स्थिति नियंत्रण में रही। बंद कराने में कांग्रेस, जोगी कांग्रेस, एसटी, एससी, ओबीसी संयुक्त मोर्चा सहित कई संगठनों के लोग शामिल हुए। वहीं, दोपहर बाद कुछ जगहों पर दुकानें खुल गईं।

राजनादगांव में चैंबर ऑफ कामर्स एवं बंद कराने वालों के बीच टकराव की स्थित रही। तीन घंटे तक दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ। बंद कराने कांग्रेस, जोगी कांग्रेस, एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग एवं सामाजिक संगठनों के बाद रैली निकलने के बाद व्यापारियों ने इसके विरोध में रैली निकाली। कबीरधाम जिले के पंडरिया में झूमाझटकी और गालीगलौज हुई। मुख्यालय कवर्धा में प्रदर्शनकारियों ने एक मोबाइल दुकान के संचालक की पिटाई कर दुकान में तोड़फोड़ की। दुर्ग-भिलाई में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर में बंद का मिला-जुआ असर था, लेकिन इसी जिले के सीतापुर में बंद कराने वालों ने जमकर उत्पात मचाया। यहां बंद कराने वालों ने लाठियां भांजी और पथराव भी किया। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में भी प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों पर पथराव किया और लाठियां चलाईं।

बिलासपुर में जबरिया बंद कराने निकले लोगों ने खूब उत्पाद मचाया। यहां के मैग्नेटाे माॅल में तोड़फोड़ की और गोलबाजार में झूमाझटकी भी हुई। कई जगह दुकान से बाहर रखे सामान को फेंक दिया। कोरबा जिले में कांग्रेस, जोगी कांग्रेस, बसपा, सत्य विकास समिति कटघोरा एवं कर्मचारियों से जुड़े संगठन अजाक्स सहित कई छोटे-बड़े संगठनों ने अपना समर्थन दिया। इसके कारण कई जगह टकराव की स्थिति रही। वाहनों में तोड़फोड़ के साथ यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिला मुख्यालय में पुतला दहन किया।

अजा-अजजा, पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा और सतनामी विकास परिषद के हजारों कार्यकर्ता सारंगढ़ में लाठी-डंडा लेकर निकले। उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। लाठियों के दम पर दुकानें बंद कराईं, दुकानदारों के साथ झड़प होने के बाद सामान तोड़फोड़ दिए। वहीं, रायगढ़ में जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ का नजारा देखने को मिला। एक व्यक्ति ने प्रदर्शन पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इससे सारंगढ़ क्षेत्र के एक गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। पुलिस ने उस व्यक्ति को हिरासत में लिया। बाद में उसी व्यक्ति द्वारा सावर्जनिक मॉफी मांगने के बाद मामला शांत हुआ। इस दौरान एटी-एससी वर्ग के कई दिग्गज नेता थाने में मौजूद रहे।

महासमुंद में कुछ दुकानों को छोड़कर बांकी दुकानें बंद रहीं। वहीं, धमतरी जिले में बंद का बहुत कम असर हुआ। आरक्षित वर्ग के लोगों को छोड़कर अधिकतर ने दुकानें खोल रखी थीं। इस जिले के भखारा में बंद का व्यापक असर रहा। बस्तर संभाग के अधिकतर जिला मुख्यालयों में बंद का असर देखने को मिला। कोंटा पूरी तरह बंद रहा। तोकापाल का साप्ताहिक बाजार नहीं हुआ। बस्तरनार, भानपुरी, बकावन, लोहांडीगुड़ा, सुकमा अधिकतर जगहों पर बंद का व्यापक असर देखने को मिला। बस्तर संभाग के सभी जिलों में बंद का असर रहा।

सुप्रीम कोर्ट एससी एसटी कानून के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने से संबंधित 20 मार्च को दिए अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग वाली केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर आज सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने 10 दिन बाद दोबारा सुनवाई होगी।

– दो दिन में सभी पार्टियां मिलकर बनाएं ड्राफ्टः सु्प्रीम कोर्ट

-10 दिन बाद होगी सुनवाई

-सुप्रीम कोर्ट ने नहीं बदला फैसला

-एससी एसटी एक्ट का गलत इस्तेमाल नहीं होगाः सुप्रीम कोर्ट

-हम अत्याचार विरोधी एक्ट के खिलाफ नहीं हैः सुप्रीम कोर्ट

-हम जानते है नागरिक अधिकारों को कैसे बचाना हैः सुप्रीम कोर्ट

-लोगों ने पूरा जजमेंट नहीं पढ़ाः सुप्रीम कोर्ट

-किसी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिएः सुप्रीम कोर्ट

-वास्तविक फैसले का लक्ष्य निर्दोषों को बचाना हैः सुप्रीम कोर्ट

-बेगुनाहों को सजा नहीं मिलेगीः सुप्रीम कोर्ट

-एक्ट के विरोध में नहीं हैः सुप्रीम कोर्ट

-समीक्षा याचिका पर शुरु हुई सुनवाई

-अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

-थोडी देर में सुनवाई शुरू होने वाली है

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