आगरा। शांति पूर्ण तरीके से चल रहे मतदान के दौरान उस समय स्थिति विवादास्पद हो गयी जब पुलिस ने सपा समर्थक एक प्रधान को पकड़ लिया और उस प्रधान की सिफारिश में पहुँचे सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष और लोकसभा चुनाव संचालन समिति के संयोजक राम सहाय यादव, उनकी पत्नी गीत देवी, बड़े भाई चक्रपाल यादव, निजी सचिव रामधन राजपूत, बेटी गीता यादव पर लाठी चार्ज कर दिया। बमुश्किल सपा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष राम सहाय यादव और सभी अपनी जान बचाकर भागे। पुलिस के इस रूप को देखकर घटना के बाद से पीड़ित सपा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष की पत्नी और बेटी भयभीत है। पीड़ित राम सहाय यादव फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र महुआ खेड़ा गांव में परिवार के साथ वोट डालकर लौट रहे थे। इस घटना में पीड़ित के शरीर पर कई चोट आई है।
पीड़ित राम सहाय यादव ने बताया कि वोट डालने के बाद जब वो घर लौट रहे थे तभी महुआ खेड़ा के प्रधान का फोन आया कि पुलिस ने उन्हें बिना किसी अपराध के पकड़ लिया है वो सिर्फ लोगों को पानी और मट्ठा पिला रहे थे और पुलिस समझ रही थी कि वोटर्स को रिश्वत दे रहे हैं।
रास्ते में ही पुलिस की जीप देखकर उनसे पूछा कि महुआ खेड़ा के प्रधानजी को क्यों पकड़ा था? यह पूछने पर पुलिस वाले आपे से बाहर हो गए और लाठी से पिटाई शुरू कर दी। बचाव के लिए परिवार के लोग आए तो उन्हें भी पुलिस ने नही बक्शा।
राम सहाय यादव का आरोप है कि पुलिस प्रशासन मोदी और योगी सरकार के दवाब में काम कर रहा है। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर वो सपा समर्थकों को डरा धमका रहा है जिससे सपा समर्थक मतदान करने के लिए न आये।