मथुरा। शनिवार को विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के बैनर तले संविदा कर्मियों ने मथुरा कैंट विद्युत कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने का कारण यह था कि 18-20 साल से विद्युत कर्मचारी संविदा के रूप में कार्य कर रहे हैं उन्हें अब हटाया जा रहा है। विद्युत संविदा कर्मचारियों ने अपना पूरा समय विद्युत विभाग की सेवा में दिया है अब उनके आगे रोजी-रोटी का धर्म संकट खड़ा हो गया है।
विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के संयोजक गणेश चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले 20 साल से कई संविदा कर्मी अपनी सेवा विद्युत विभाग को दे चुके हैं और हमारा जो EPF का पैसा है वह भी अब तक हमको नहीं मिला है। वह ठेकेदार ने निकाल लिया है। वह पैसा हमें दिलाया जाए। संविदा कर्मियों को वापस कार्य पर बुलाया जाए और नियमित किया जाए। जिस तहसील में संविदा कर्मी कार्यरत है उसी तहसील में कार्यरत रहे। 40% सैन्यकर्मचारी 60% ठेकाकर्मचारी के आदेश को वापस लिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो हमारा आंदोलन नियमित चलता रहेगा।
विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन को संबोधित करने मांट विधानसभा क्षेत्र के विधायक पूर्व शिक्षा मंत्री पंडित श्याम सुंदर शर्मा ने भी संविदा कर्मचारियों का साथ देने को कहा और उन्होंने कहा कि संविदा कर्मियों के साथ रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। फायदे वाले विभागों उन्हें सरकार प्राइवेट कर रही है और नुकसान वाले विभाग को सरकार अपने पास रख रही है। यदि विद्युत संविदा कर्मियों को वापस कार्य पर नहीं लिया तो इस आंदोलन में पूरी आहुति झोंक देंगे।।
समाजसेवी ताराचंद गोस्वामी ने कहा कि ऊर्जा मंत्री को नहीं दिख रहा कि विद्युत सविंदा कर्मियों के सामने रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। अगर इनको हटा दिया गया तो वह कहां जाएंगे। यदि ऊर्जा मंत्री व उनकी सरकार ने आदेश वापस नहीं लिया तो उनके घर का घेराव के साथ साथ पैदल मार्च और प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली जाएगी।
रिपोर्ट – जीवनदीप कल्याण