आगरा। शहर में बुर्के पर अब राजनीति गरमाने लगी है। महापौर नवीन जैन और सपा नेता रईसउद्दीन के बाद अब उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने भी बुर्के को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। उनका कहना था कि वो बुर्के और घूंघट दोनो के ही पक्ष में नही है। आज की महिला को सशक्त बनाने के लिए इन्हें हटा देना चाहिए। कबीना मंत्री ने बुर्के पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बुर्के की आड़ में अक्सर असामाजिक तत्व घटनाओं को अंजाम दे जाते है इसलिए उन्होंने भी इस पर प्रतिबंध लगाने पर अपनी सहमति जताई है। कबीना मंत्री ने अपनी बात रखते हुए फिल्मों का भी उदाहरण दिया।
उनका कहना था कि अक्सर फिल्मों में दिखाया जाता है कि अपराधी हमेशा बुर्के में होगा और अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाता है। ऐसा ही कुछ इस बार चुनाव में भी देखने को मिला। कुछ युवको ने बुर्के की आड़ में अवैध तरीके से वोटिंग की जिसका विरोध भी हुआ था। प्रदेश के कबीना मंत्री का कहना है कि बुर्का मुश्लिम समाज का पहनावा है। इसलिए उन्हें ध्यान देना चाहिए कि इसकी आड़ में किसी तरह की अप्रिय घटना ने हो।
पिछले दिनों बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े जावेद अख्तर ने घूंघट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इस पर कबीना मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि घूंघट भारतीय संस्कृति में लज्जा का प्रतीक होता है और घूंघट से क्राइम नही होता जबकि बुर्के के माध्यम से कई बार आपराधिक घटनाये हो चुकी है। जावेद अख्तर बताएं कि घूंघट से कब और कहा क्राइम हुआ है।
कबीना मंत्री प्रो0 एसपी सिंह बघेल ने राजनीति में आने वाली महिलाओं को घूंघट और बुर्के से आजादी दिलाने की मांग की। उनका कहना था कि आज राजनीति में महिलाये अपने पति या ससुर के कारण जीतती है और वो ही उनके पद को चलाते है। अगर यह महिलाएं विधानसभा और लोकसभा में जाएगी तो वहाँ तो घूंघट और बुर्के का कोई कॉलम ही नही है। इसलिए हर साल घूंघट और बुर्का एक इंच कम होना चाहिए।