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बैंक से धोखाधड़ी कर पैसे निकालने वाला अन्तर्राज्यीय गिरोह का हुआ पर्दाफ़ाश

by pawan sharma

मथुरा। सर्विलांस टीम और थाना कोतवाली पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने बैंक के साथ धोखाधड़ी करने वाले अन्तर्राजीय गैंग के तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सर्विलांस टीम की मदद से इन शातिरों को बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन शातिरों से 1,66,300 रुपये नगद, दो कड़े पीली धातु जिनकी कीमत लगभग 1,82,000, एक लैपटॉप, एक कार, 06 स्मार्ट फोन, 04 फर्जी आधार कार्ड, 04 फर्जी पैन कार्ड फर्जी, 01 चैक बुक, 01 पास बुक 03 ए0टी0एम0 कार्ड 01 वोटर आई-डी 02 डेबिट कार्ड कोटक महिन्द्रा और ICICI बैंक का बरामद किया है। पुलिस ने इस गिरोह के पकड़े जाने की जानकारी प्रेसवार्ता के माध्यम से दी।

प्रेस वार्ता के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया कि पिछले दिनों पवन चतुर्वेदी नाम के व्यक्ति ने अज्ञात लोगों के विरुद्व बैंक से धोखाधड़ी कर पैसा निकालने के सम्बन्ध मे थाना कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया था जिसके बाद से इस गिरोह को पकड़ने के लिए टीम को सक्रिय किया गया। मुखबिर के द्वारा 420 के मुकदमे में वांछित चल रहे अभियुक्त इंसाफ अली की सूचना मिली थी जिस पर कार्यवाही कर अभियुक्त इंसाफ अली सहित तीन अभियुक्तों को बैंक से निकालने गये रुपए, हौंडा कार के साथ नये बस स्टैण्ड से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के हाथ अभी तसव्बर पुत्र नजाकत निवासी ग्राम सिंधावली थाना कंकरखेडा मेरठ, 2. इंसाफ अली पुत्र फरकत अली निवासी ग्राम सिंधावली थाना कंकरखेडा मेरठ 3. रुबि पुत्री सतेन्द्र कुमार निवासी फलसौना थाना सरधना मेरठ हाथ लगे है। इनके बाकी साथी विनय कुमार उर्फ बबलू पुत्र राजू निवासी न्यू विकास नगर लोनी गाजियाबाद, विजय कुमार पुत्र महिपाल सिहं निवासी हर्ष विहार नई-दिल्ली, अरुण पुत्र राजेन्द्र सिहं निवासी न्यू विकास नगर गाजियाबाद, सहगल चाचा पुत्र अज्ञात निवासी बुराडी दिल्ली, मोनू पुत्र सत्यपाल निवासी गाधी थाना कोतवाली जिला बागपत, बबलू पुत्र दीपक नि0 नोयडा, गुरमीत पुत्र अज्ञात निवासी पंजाब की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है।

गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों ने सामूहिक रूप से बताया कि धोखाधड़ी कर पवन के अपने 07 अन्य साथियों के साथ तीन बार में 24 लाख 72 हजार रुपये आनँलाइन अपने खाते मे ट्रांसफर कर लिए।

ऐसे करते थे खेल

अभियुक्तो ने बताया कि बताया कि गूगल पर सर्च कर उमा मोटर्स के पी0एन0टी नम्बर पर काँल कर उनसे गाडी खरीदने सम्बन्धी जानकारी ली और ऑनलाइऩ पैमेन्ट करने की बात कहकर पवन का बैक खाता संख्या और आई0एफ0सी0 कोड ले लिया। इसके बाद गूगल से सम्बन्धित बैंक का पी0एन0टी0 प्राप्त किया। उसके बाद उक्त पी0एन0टी0 नम्बर पर काँल कर बैंक मैनेजर का नम्बर लिया। फिर हम लोगों ने एक फर्जी सिम से ट्रू-काँलर में पवन चतुर्वेदी उमा मोटर का नाम अपडेट कर बैंक मैनेजर को कॉल कर अपना परिचय देकर हालचाल लिया उसके बाद दिनाँक 1 सितंबर को बैंक मैनेजर को कॉल कर कहा कि दिल्ली में मुझे एक अर्जेन्ट पैमेन्ट करनी है। इसलिये आप मास्टर बबलू कुमार के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दें। चैक मैं बाद में तुमको उपलब्ध करा दुँगा। बैंक मैनेजर ने लगभग 25 लाख रुपये के करीब तीन बार में मास्टर बबलू कुमार् के खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिये। उसके बाद हम लोगों ने अपने फर्जी खाते में रुपयो को ट्राँसफर कर निकाला था। पुलिस कानूनी कार्यवाही कर जेल भेज रही है।

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