आगरा। गौरतलब है कि विपक्षी दलों से कई नेताओं का सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी का दामन थामने का सिलसिला चल रहा है। इसी कड़ी में आगरा से बसपा के पूर्व विधायक इस समय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क मैं है। बसपा के यह पूर्व विधायक देहात क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके है। इसके अलावा हाल ही में इन्होंने अपनी शादी सालगिरह कार्यक्रम का आयोजन किया था और चर्चाओं में रहे थे।
फूलपुर और गोरखपुर का उप चुनाव हारने के बाद भाजपा पार्टी लगातार चिंतन और मनन कर रही है। सपा और बसपा के एक साथ आने के कारण भाजपा अब उन्हीं के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। इसलिए 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा दलित और पिछड़े वर्ग के बड़े चेहरों पर दांव खेल सकती है। इसी के मद्देनजर गैर राजनीतिक दलों के कई नेता भाजपा का दामन थामने का प्रयास कर रहे हैं।
देहात क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके बसपा के पूर्व विधायक अपने समय के कद्दावर नेताओं में से एक रहे हैं। ये वही पूर्व विधायक हैं जिनको बसपा प्रमुख ने चंदे के पैसे में अनियमितताओं का आरोप लगाकर बसपा पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब नीले खेमे को छोड़कर भगवा खेमें में शामिल होने का प्रयास कर रहे पूर्व विधायक लगातार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं। बस पार्टी हाईकमान से उन्हें हरी झंडी मिलने का इंतजार है।
अगर बसपा के ये पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो आगरा में उक्त देहात सीट पर सपा-बसपा कमजोर हो जायेगी। क्योंकि पिछड़े और दलित का बड़ा वोट बैंक उनके पास है और भाजपा में शामिल होने के बाद सपा-बसपा के वोट बैंक को काफी नुक़सान होगा।