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हाथी घाट गुरुद्वारे के प्रकरण में सिख समाज का प्रतिनिधि मंडल मिला प्रशासनिक अधिकारियों से

by admin

आगरा। दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी का एतहासिक स्थान गुरुद्वारा हाथी घाट का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व सेवादार प्रीतम सिंह उर्फ गोल्डी द्वारा सिक्ख समाज के संत बाबा प्रीतम सिंह, कंवल दीप सिंह पर आये दिन झूठे आरोप लगाकर शिकायत करने से आजिज आकर आज सिख समाज का एक प्रतिनिधि मंडल संत बाबा प्रीतम सिंह एवं कंवल दीप सिंह के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुँचा लेकिन उनकी अनुपस्थिति न होने पर एसपी ट्रैफिक और सिटी मजिस्ट्रेट से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान उन्हें समाज की वेदना से उन्हें रूबरू करवाया और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए मुकदमा निरस्त करने की मांग की। इतना ही नही समाज के प्रतिनिधि मंडल ने प्रीतम सिंह उर्फ गोल्डी पर झूठी जानकारी देने, गुरुद्वारे में हो रही अनियमितता एवम झूठे कागज प्रस्तुत करने के मामले में जांच कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

प्रतिनिधि मंडल ने अधिकारियों के संज्ञान में लाया कि किस प्रकार गुरुद्वारे में अनियमता हो रही थी और 1997 के बाद कोई भी चुनाव नहीं हुए। 2001 में महासचिव एवं कोषाध्यक्ष के इस्तीफा देने बद आज तक कोई चुनाव सम्पन नहीं हुआ। पिछले 2 साल से गुरुद्वारे में अनियमितता की शिकायत आ रही थी और 23 तारीख की मीटिंग के बाद गोल्डी को हटाकर 11 सदस्यीय कमेटी बना दी गई।

गोल्डी द्वारा पहले न्यायालय में 156/3 में संत बाबा प्रीतम सिंह,कंवल दीप सिंह, सुच्चा सिंह, रंजीत सिंह बेधड़क, थाना प्रभारी छत्ता एवं चौकी प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के आदेश पारित करवाए। वहीं जिलाधिकारी महोदय के यहां दिए प्रार्थना पत्र में केवल कंवल दीप सिंह एवम सुच्चा सिंह के खिलाफ शिकायत की जबकि समाज के पास उनके द्वारा गुरुद्वारे परिसर के किए गए दुरपयोग की वीडियो भी है। उसके द्वारा बाबा जी एवं कंवल दीप सिंह को विभिन्न माध्यमों से जान से मारने की भी धमकी दी जा रही है जिसकी जानकारी अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह के माध्यम से एसपी क्राइम को दी चुकी है। दरेसी में निवास करने वाले परिवारों ने बताया कि गुरुद्वारे में किस प्रकार भय का वातावरण था जो अब समाप्त हुआ। आगे से ताला लगा होता था। पीछे से दरवाजा खुलता था इसका क्या अभिप्राय था। अधिकारियों ने जांच करवा कर दोषी के खिलाफ कार्यवाही करवाने का आश्वासन दिया।

प्रतिनिधि मंडल में जहा मास्टर गुरनाम सिंह, बंटी ग्रोवर थे वहीं 1997 में सरदार सुलक्खन सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी के महासचिव परमात्मा सिंह अरोरा एवं कोषाध्यक्ष नरेंद्र सिंह निंदी जो वर्तमान में बनी 11 सदस्यों बनी कमेटी के सदस्य हैं, वह भी उपस्थित रहे।इसके अतिरिक्त दलजीत सिंह सेतिया, अरविंदर सिंह चावला, हैड ग्रंथी कुलविंदर सिंह, अजायब सिंह टीटू, महंत हरपाल सिंह, परमजीत सिंह सरना, मुख्तयार सिंह, लक्की सेतिया, दिलप्रीत सिंह, इंदरजीत सिंह मल्होत्रा, महंत हरपाल सिंह, राना रंजीत सिंह, रविन्द्र ओबराय, श्याम भोजवानी, हरमिंदर सिंह आदि भी उपस्थित रहे।

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