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गांव पहुंचा शहीद संतोष भदौरिया का पार्थिव शरीर, पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगे नारे

by admin

आगरा। जम्मू कश्मीर के जिला अखनूर के पलांवाला में आईईडी के धमाके में रविवार को पेट्रोलिंग के दौरान तहसील बाह के पुरा भदोरिया के लाल संतोष भदौरिया शहीद हो गए थे। सोमवार को जम्मू से शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो सैकड़ों की संख्या में एकत्रित ग्रामीण शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए, जहां शहीद के पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। नौजवानों ने तिरंगा यात्रा निकालकर शहीद को सच्ची श्रद्धांजलि दी। देर शाम शहीद के पार्थिव शरीर को सलामी देकर अंतिम संस्कार किया हुआ, जहां जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

बता दें देश सेवा के लिए वीर सपूतों की माटी तहसील बाह हमेशा से ही अग्रणी रही है। वीर जवानों ने देश के लिए अपना बलिदान सदैव दिया है, जिसमें एक और वीर सपूत मां का बेटा संतोष भदौरिया का नाम शामिल हो गया। नौजवानों को देश सेवा में जाने के लिए हमेशा प्रेरित करने वाले बाह के पुरा भदौरिया के सन्तोष कुमार भदौरिया जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आईईडी ब्लास्ट में देश के लिए कुर्बान हो गए। गांव अपने लाडले की शहादत की सूचना पर गर्व के साथ गमजदा हो उठा। परिजनो में कोहराम मच गया।

सन 1997 में सन्तोष सिंह भदौरिया सेना में भर्ती हुए थे। करीब 10 वर्ष तक जम्मू कश्मीर की अलग अलग पोस्टों पर तैनात होकर देश सेवा में समर्पित होकर जुटे रहे। रविवार जम्मू कश्मीर अखनूर सेक्टर हुए आईईडी ब्लास्ट में उनको वीरगति प्राप्त हुई। शहीद सन्तोष भदौरिया के माता पिता का साया उनके ऊपर से बचपन में उठ गया था। बड़े भाइयों लालजी सिंह और दिनेश सिंह ने उनका लालन पालन किया। बचपन से ही देश सेवा के लिए सेना में जाने का ख्वाब देखने वाले सन्तोष 1997 में सेना में भर्ती हो गए। वह 4 राजरिफ में तैनात थे। तब से अबतक करीब 22 साल की सेवा में 10 से 12 साल आतंकवाद ग्रसित जम्मू कश्मीर को दिए।

रविवार को उनकी शहादत की सूचना पर गांव में मातम पसर गया। गांव के लोग गमजदा होने के साथ साथ गांव के बेटे अमर बलिदान पर गर्व महसूस कर रहे थे। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने मुताबिक शुक्रवार को सन्तोष से बातचीत हुई थी। उन्होंने गांव के हालचाल लेने के साथ ही अपनी कंपनी के राजस्थान आने की बात बताई थी। पत्नी विमला देवी अपने बच्चों पढ़ाई लिखाई के लिए दीक्षा 17, प्रिया 14, अभय 12 के साथ आगरा में रहती हैं। वहीं वह अपने बच्चों की अच्छी परवरिश कर रही थी, कि तभी उनके लिए एक दुखद समाचार आया। उनके पति संतोष भदौरिया आईईडी ब्लास्ट में शहीद होने की सूचना पाकर परिजनों में कोहराम मच गया।

सोमवार को तिरंगे में लिपटा शहीद संतोष कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पूरा भदोरिया पहुंचा जहां शहीद के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में हुजूम उमड़ पड़ा। नौजवानों ने तिरंगा यात्रा निकालकर शहीद को श्रद्धांजलि दी तो वहीं डीएम आगरा एनजी रवि कुमार और सांसद फतेहपुर सीकरी राजकुमार चाहर ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा दिया, और फूल माला भेंट कर सलामी दी। शहीद जवान को सेना और पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी। शहीद पिता के पार्थिव शरीर को 12 वर्षीय अभय ने मुखाग्नि दी। चारों तरफ पाकिस्तान मुर्दाबाद की नारे लगे। नौजवानों की जुबान पर एक ही नारा था जब तक सूरज चांद रहेगा संतोष भदौरिया तेरा नाम रहेगा।

सरकार की तरफ से शहीद के परिवार को डीएम आगरा एनजी रवि कुमार एवं फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर के द्वारा परिजनों को 25 लाख का चेक दिया गया, साथ ही शहीद के परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस दौरान जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। बेटे 12 वर्षीय अभय से पूछे जाने पर, बड़ा होकर सेना में भर्ती होने की बात कही, तो वहीं पत्नी विमला देवी ने कहा कि उन्हें बदला चाहिए।

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