मथुरा। हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों के शातिर टटलू गिरोहों ने अब लोगों को फंसाने और माल लूटने के लिए ओएलएक्स को अपना जरिया बना लिया है। अभी तक सौने की ईंट और बेशकीमती मूर्तियों के झांसे में टटलू भोले व्यापारियों और लोगों की जेब काटते रहे लेकिन अब इन शातिरों ने OLX के जरिये लोगों फंसाना शुरू कर दिया है। हाल ही में हुई कई घटनाओं में पुलिस ने टटलू गिरोह के इस नए कारनामे की पहचान कर ली है।
थाना कोसीकलां पुलिस ने ऐसे ही शातिर गिरोह के तीन टटलूबाजों को गिरफ्तार किया है। इनमें इकराम पुत्र मकसूद निवासी नगला उटावर थाना कोसीकलां, फारुक पुत्र बुद्धी निवासी शाहपुर थाना कोसीकलां, मुनफैद पुत्र इब्राहिम निवासी धुलगढ़ी थाना शेरगढ़ को दोपहर करीब डेढ़ बजे शेखशाही रोड खरौट चौराहा थाना कोसीकलां से पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इनके कब्जे से पुलिस ने 315 वोर के तीन तमंचा और छह कारतूस बरामद किये हैं। दो अभियुक्तों से लूट गये तेरह हजार रुपये भी पुलिस ने बरामद दिखाये हैं। अभियुक्त मुनफैद पूर्व की घटनाओं में थाना कोसीकलां से वांछित चल रहा था।
ऐसे करते थे वारदात
पकड़े गये अभियुक्तों ने बताया कि वह OLX पर सस्ते दामों में गाड़ी बेचने या रेडीमेड संबंधी कारोबार की सूचना देकर लोगों को बुलाते थे। झांसे में आये लोगों को सुनसान स्थान पर बुलाया जाता था और हथियारों के दम पर नकदी, मोबाइल के साथ अन्य सामान लूट लेते थे।
तीनों अभियुक्तों को पकड़े जाने के बाद में पुलिस बताया कि रुटीन पैट्रोलिंग के दौरान पुलिस को तीन संदिग्ध युवक खरौट चौराहा के पास शेखशाही रोड पर खड़े दिखाई दिये। पुलिस को देखकर तीनों बदमाशों ने वहां से भागने का प्रयास किया लेकिन भाग नहीं सके। तलाशी में असहाल मिलने के बाद पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया और कड़ाई से पूछताछ की तो ओएलएक्स के माध्यम से ठगी की वारदातें करने का जुर्म कबूल किया।
मिस कॉल से काटते थे टटलू
इससे पहले फोन पर कॉल और मिसकॉल के जरिये शातिर गिरोह लोगों को फंसाते थे। बरसाना, कोसीकलां, शेरगढ़ और छाता पुलिस ने बाकायदा होर्डिंग और सचेतक लगा कर लोगों को आगाह करना शुरू कर दिया था कि इस क्षेत्र में आपका टटलू कटने की संभावना है। शातिरों से सचेत रहें और कोई भी जाकनारी तत्काल पुलिस को दें।
कौन होते है टटलू
आपको बताते चलें कि पिछले 1-2 सालों में राजस्थान के भरतपुर सीमा के आसपास ऐसे शातिर गिरोह की पहचान की गई थी जो कि सोने की ईंट और बेशकीमती मूर्तियां बेचने के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसा लेते थे और उन्हें किसी जगह पर बुलाकर माल लूट लिया करते थे। कभी-कभी तो यह सोने की ईंट या बेशकीमती मूर्तियां नकली होती थी जिससे भोले व्यापारी को बेचकर यह गिरोह मोटा मुनाफा कमाता था। इस गिरोह को टटलू गिरोह नाम दिया गया। अब इन दिनों टटलूबाज अपने पुराने तरीके छोड़कर OLX के माध्यम से अपने टटलू कारनामों को अंजाम देने लगे।