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महिला आयोग के औचक निरीक्षण में मदयानंद आश्रम में मिली बीयर कैन और आपत्तिजनक चीज़

by admin

आगरा। यमुना ब्रिज स्थित मदयानंद अनाथ आश्रम में एक लड़की के साथ हुए गंदे काम और उससे अजीज आकर आत्महत्या करने के मामले में प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। इस गंभीर मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार दोपहर महिला आयोग की उपाध्‍यक्ष सुष‍मा सिंह और सदस्‍य निर्मला दीक्षित निरीक्षण के लिए मदयानंद आश्रम पहुंचीं। इस दौरान उन्‍होंने आश्रम के चप्‍पे चप्‍पे का निरीक्षण किया। आश्रम परिसर की एक टूटी दीवार की तरफ निरीक्षण के दौरान उनकी निगाह गई। वहां जाकर पूरा नजारा देख वो हैरान रह गईं। उस स्थान पर बीयर की खाली केन पड़ी हुई थीं।

निरीक्षण के दौरान महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने आश्रम के और भी कोने को खंगाला तो आगे के दृश्य देखकर उनके होश पूरी तरह से उड़ गए। कई जगह पर यूज किए हुए कंडोम पड़े हुए थे जिन्हें देखकर महिला आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्य को इस आश्रम में क्या होता है यह समझने में देर नहीं लगी। महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने मौके पर मिली खाली बीयर की खाली केन और यूज किए हुए कंडोम को कानूनी कार्यवाही के लिए सुरक्षित रखवाया।

इस निरीक्षण के दौरान महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने आश्रम में रहने वाली लड़कियों के मोबाइल भी चैक किये। सूत्रों के माने से कुछ लड़कियों पर महंगे मोबाइल और व्हाट्स अप पर आपत्तिजनक चैट भी मिली है जिन्हें देखकर उनके भी होश उड़ गए। इसके बाद उन्होंने आश्रम में रह रही बालिकाओं से वार्ता की और पूरे आश्रम की कार्यप्रणाली जानी। इस वार्ता के दौरान कुछ लड़कियों ने गलत होने की बात कही। बताया जाता है कि यमुना की ओर से आश्रम की दीवार को तोड़ दिया गया है जहाँ से लोग इस आश्रम में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं।

गुरुवार को इस आश्रम में रह रही युवती ने जान देने के इरादे से छलांग लगा दी थी। नदी किनारे बैठे लोगों ने युवती को बचा लिया है। युवती का उपचार एसएन में चल रहा है। इधर उपचार के दौरान युवती ने आश्रम के ही तीन नाबालिगों पर दुष्‍कर्म करने का आरोप लगाया जिनकी उम्र 16 और एक की उम्र नौ वर्ष है। इस पर पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने युवती का मेडिकल कराया है। वहीं आरोपित किशोरों से पूछताछ की जा रही है।

दूसरी तरफ इस मामले में अनाथ आश्रम प्रशासन का कहना है कि युवती मानसिक रूप से पीड़ित है। उसका मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज भी चल रहा है। आश्रम के अन्‍य बच्‍चे भी इस घटना के बाद विचलित हैं। पुलिस मुकदमा लिखने की तैयारी में है।

निरीक्षण के दौरान पूर्व संस्था के संस्थापक नरेश पारस भी मौजूद रहे जिन्होंने आश्रम की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बताया कि इस निरीक्षण के दौरान महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा ने जब आश्रम चलाने के कागजात चेक किए तो आश्रम संचालक कोई भी कानूनी कागजात पेश नहीं कर पाया जिससे महिला आयोग की उपाध्यक्ष काफी नाराज दिखाई दी।

फिलहाल इस आश्रम से आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद होने से मामला तूल पकड़ रहा है। इस पूरे मामले में निष्पक्ष कार्यवाही की बात महिला आयोग के उपाध्यक्ष ने की है।

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