आगरा।आगरा फतेहपुर सीकरी लोकसभा की सांसद चौधरी बाबूलाल की टिकट कटने से सांसद बाबूलाल पूरी तरीके से बौखलाए हुए है।
सांसद बाबूलाल पार्टी के नेताओं से नाराज हैं तो वहीं लोकसभा चुनावों में अपने प्रतिद्वन्दियो को मात देने के लिए ताकत दिखा रहे हैं।
रविवार को सांसद चौधरी बाबूलाल ने किरावली स्थित चौधरी रघुनाथ सिंह महाविद्यालय में लोकसभा चुनावों में अपने प्रतिद्वन्दियो को मात देने के लिए ताकत दिखा रहे हैं।
रविवार को सांसद चौधरी बाबूलाल ने किरावली स्थित चौधरी रघुनाथ सिंह महाविद्यालय में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया।
सांसद चौधरी बाबूलाल ने खुले मंच से अपने भाषण में कहा तीन बार रासुका लगी। पुलिस में मुझे बैलों की तरह मारा । सन 1996 में रालोद ने टिकट नहीं दिया।
तो जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल को 55000 मतों से विधायक बना दिया। मगर टिकट कटने के बाद मैंने सुनील बंसल और जेपी नड्डा से बात करी।
मैंने कहा हमने दलाली बट्टा नहीं किए। भ्रष्टाचार नहीं किया। किसी से बदतमीजी नहीं की। पार्टी का तन मन धन से सहयोग किया। फिर मेरा टिकट क्यों काटा।
इस पर जेपी नड्डा और सुनील बंसल का कोई जवाब नहीं था। बौखलाए सांसद चौधरी बाबूलाल ने खुले मंच से आगरा आये पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश प्रभारी जेपी नड्डा को खुली चुनौती दे डाली।
चौधरी बाबूलाल ने साफ शब्दों में कहा राजनीति मेरा रोजगार नहीं है । बुजुर्ग जायजाद छोड़ गए हैं। हम रोटी खा लेंगे। मगर अमित शाह और जेपी नड्डा यह बताएं कि टिकट क्यों काटी।
स्वाभिमान और इज्जत से खिलवाड़ नहीं होगा। सम्मान से समझौता नहीं होगा। और जनता का सम्मान मेरा सम्मान है। नाराज सांसद चौधरी बाबूलाल ने खुले मंच से कहा कि बाबूलाल वह नाम है।
राज बब्बर भाग गए । सीमा उपाध्याय वापस चली गई। फिर भी मेरा टिकट काट दिया गया। इतना ही नहीं चौधरी बाबूलाल ने जनता से कहा कि अगर मेरे में और आज के प्रत्याशी में आकलन कर लो।
अगर कोई गलती हो तो 500 जूते मारो। नाराज सांसद बाबूलाल भावुक होते हुए अपनी सीमा लांघ गए और साफ शब्दों में अमित शाह और जेपी नड्डा को कहा कि चौधरी बाबूलाल पश्चिम उत्तर प्रदेश में दबंगई के लिए माने जाते हैं।
मगर जब से मैं भाजपा में आया तब से पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग मुझे फोन करके पूछते हैं कि बाबूलाल तुझे क्या हो गया। दबंगई का मामला कहां चला गया।
मैंने खून का घूंट पीकर पार्टी का साथ दिया है। और अब मैं सम्मान से समझौता नहीं करूंगा।