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मनचलों से परेशान 13 छात्राओं ने छोड़ा स्कूल, जिलाधिकारी को पत्र लिख लगाई सुरक्षा की गुहार

by admin

सूबे और केंद्र की सरकार आधी आबादी को सुरक्षित माहौल देने का दम भर रही है और इसके लिए तमाम प्रयास कर रही है लेकिन आज भी सरकार के ये वायदे आधी आबादी को सुरक्षित माहौल देने में कारगर नही है इसलिए तो आज भी कुछ बेटियां को स्कूल जाने के डर लगता है। यह कोई कहानी नही है बल्कि सिकंदरा थाना क्षेत्र के बाईपुर गांव की हकीकत है। मनचलों की दिनों-दिन बढ़ती हरकतों के चलते करीब 13 बेटियों ने स्कूल जाना छोड़कर खुद को घरों में कैद कर लिया है और यह बेटियों खौफ में जीने को मजबूर है। इस पूरे मामले का खुलासा महफूज संस्था के अध्यक्ष और आरटीआई एक्टिविट्स नरेश पारस ने किया। बालिका सुरक्षा कार्यक्रम के तहत नरेश पारस गढ़ी बांईपुर पहुंचे, जिसके बाद उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी हो सकी। मामले की गंभीरता को देखते हुए 13 बच्चियों के स्कूल छोड़ने की जानकारी पर नरेश पारस ने ट्वीट के जरिए पूरी जानकारी यूपी पुलिस के मुखिया और महिला कल्याण विभाग को दी। सोशल मीडिया पर वायरल हुई पोस्ट के बाद ही सरकारी अमला हरकत में आया, और इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की। यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने के बाद पुलिस भी हरकत में आई और इस मामले में जांच शुरू कर मनचलों को चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

ये पूरा मामला सिकंदरा थाना क्षेत्र के गढ़ी बाईपुर में स्थित एक सरकारी जूनियर हाईस्कूल से जुड़ा हुआ है। सबसे पहले गढ़ी बांईपुर की रहने वाली 6 वीं क्लास की छात्रा के साथ अप्रैल माह में हुई छेड़छाड़ की घटना हुई। इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया लेकिन इस घटना के बाद पीड़िता ने स्कूल जाना बंद कर दिया। पांच जुलाई को ऐसी ही एक और घटना 7वीं क्लास की छात्रा के साथ हुई। स्कूल और घर की दूरी पांच किमी होने के चलते पीडित छात्रा ने एक बाइक सवार से लिफ्ट मांग ली। लिफ्ट देने के बहाने युवक ने छात्रा के साथ गंदी हरकत करने के मंसूबे से बाइक को सुनसान जंगलों के बीच में रोक लिया। मासूम आरोपी युवक के मंसूबे भांपकर वहां से किसी तरह भाग निकली और घर पहुंच गई।

5 जुलाई को हुई घटना के बाद पीड़ित छात्रा और उसके परिजन पुलिस के पास जाने का साहस भी नहीं जुटा पाए। लेकिन पीड़िता ने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर स्कूल जाना बंद कर दिया। सहेली के साथ घटना की जानकारी पर कुछ और छात्राओं ने भी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने से परहेज कर लिया।

आगरा एसएसपी बबलू कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई के आदेश अधीनस्थों को दिए। मामले की गंभीरता को भांपते एसएसपी ने तत्काल एएसपी हरीपर्वत गोपाल चौधरी और इंस्पेक्टर सिकंदरा प्रमोद पंवार को मौके पर पहुंच जांच करने के निर्देश दिए। गढ़ी बांईपुर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने पीडित छात्रा,परिजनों और स्थानीय लोगों से मामले की तस्दीक की। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वह निर्भीक हो कर अपनी बेटियों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजें। पुलिस जल्द ही ऐसे मनचलों को गिरफ्तार कर जेल के सीखंचो तक पहुंचाएगी। साथ ही पीड़ित छात्रा के घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने मानवता का परिचय दिया और मासूम को स्कूल आने-जाने के लिए एक साइकिल उपहार के रूप में भेंट की।

इंस्पेक्टर सिकंदरा प्रमोद पंवार ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि इस सुनसान रास्ते पर पुलिस पिकैट की तैनाती के साथ ही गश्त की व्यवस्था में भी इजाफा किया जाएगा। वहीं पीडिता को न्याय दिलाने के लिए पुलिस अपनी तरफ से भी मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने का हर संभव प्रयास करेगी। आरोपी की शिनाख्त के लिए क्षेत्र में लग कुछ सीसीटीवी कैमरों के रिकार्ड भी खंगाले जा रहे है, जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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