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प्रदेश प्रवक्ता के लिए कांग्रेस पार्टी ने ली परीक्षा, नहीं चलेगी सिफ़ारिश

by pawan sharma

लखनऊ। पार्टी प्रवकता का पद एक ऐसी जिम्मेदारी है जिसे निभाने के लिए व्यक्ति को सर्वगुण संपन्न होना चाहिये। स्थिति कोई भी हो लेकिन पार्टी का पक्ष दमदारी से रखकर सामने वाले को गलत साबित करना है। इसलिये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में होने वाली बहस में कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व सही तरीके से हो और कांग्रेस कार्यकर्त्ता सही तरीके से पार्टी का पक्ष रख सके इसके लिए प्रदेश के प्रवक्ता का दायित्व सौंपने से पहले प्रदेश हाई कमान अब कार्यकर्ताओं का साक्षात्कार लेने के साथ उनकी लिखित परीक्षा भी ले रहा है।

प्रदेश प्रवक्ता की दौड़ में पूरे प्रदेश से 70 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिन्हें कांग्रेस हाई कमान की इस परीक्षा से गुजरना पड़ा। इस परीक्षा को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के निर्देश में संपन्न हुई। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने खुद सभी प्रतिभागियों जो कांग्रेस के प्रवक्ता की दौड़ में शामिल थे सभी का साक्षात्कार लिया। साथ ही उनकी लिखित परीक्षा भी ली। इस परीक्षा में पीएम मोदी व सीएम योगी से भी जुड़े सवाल थे। यानि अगर पीएम व सीएम और उनके कामों के बारे में नहीं जानते तो प्रवक्ता नहीं बन सकते। इसके साथ ही लिखित परीक्षा प्रदेश से जुड़े हुए सवाल पूछे गए, जो इस प्रकार है –

1- उत्तर प्रदेश में कितने मंडल, जिले एवं और ब्लॉक हैं?
2- उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कितनी आरक्षित सीटें हैं?
3- 2004 एवं 2009 में कांग्रेस कितनी सीटों पर जीती थी?
4- लोकसभा 2014 एवं 2017 विधानसभा में कांग्रेस को कितने प्रतिशत मत मिले हैं?
5- उत्तर प्रदेश में कितनी लोकसभा सीटें और विधानसभा सीटें हैं?
6- उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट में कितनी विधानसभा सीटें आती हैं?
7- किन लोकसभा सीटों पर मानक से कम या ज्यादा सीटें हैं?
8- प्रवक्ता का कार्य क्या होता है?
9- आप प्रवक्ता क्यों बनना चाहते हैं?
10- मोदी सरकार की असफलता के प्रमुख बिंदु क्या हैं?
11- योगी सरकार की असफलता के प्रमुख बिंदु क्या हैं?
12- मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियां क्या-क्या थीं?
13-आज समाचार पत्र में तीन प्रमुख खबरें क्या हैं? जिन पर कांग्रेस प्रवक्ता बयान जारी कर सकें।
14- प्रमुख हिंदी,अंग्रेजी एवं उर्दू अखबार तथा चैनलों के नाम।

कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना था कि प्रवक्ता पद के लिए 70 कांग्रेसियों की लिखित परीक्षा और इंटरव्यू लिया है। अगले सप्ताह तक इसके नतीजे घोषित किए जा सकते हैं और प्रदेश प्रवक्ता की घोषणा हो जायेगी।

पार्टी नेताओं का कहना था कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस के कील-कांटे दुरुस्त करने की कवायद शुरू की गई है। मीडिया विभाग में अब सिफारिश से पद नहीं मिलेंगे बल्कि सामान्य ज्ञान, सरकार और पार्टी के बारे में पर्याप्त जानकारी रखने वालों को ही प्रवक्ता व पैनलिस्ट बनाया जाएगा।

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