आगरा। नहरों की सफाई के नाम पर 12 करोड़ के हुए घोटाले में आगरा के नहर विभाग के अधिकारी पूरी तरह फंस गए हैं। न्यायालय के आदेश पर चार अधिकारियों, 6 जूनियर इंजीनियर सहित 11 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ थाना सदर में एफआईआर दर्ज हुई है। जिसके बाद से नहर विभाग में अफरातफरी मच गयी है।
पिछले दिनों किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने अधिकारियों के सामने नहरों की सफाई में बड़ा घोटाला होने का खुलासा किया था और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर अनशन पर भी बैठे हुए थे। मामला 2017 का है। 28 अक्टूबर 2017 को नहरों की सफाई के लिए टेंडर निकाला गया और 5 नवंबर को नहरों में पानी आ गया। यानी महज 7 दिनों में नहर विभाग ने आगरा जनपद की 610 किमी नहर की सफाई कर दी और 12 करोड़ खर्च कर दिए। अधिकारियों की ओर से सुनवाई न किये जाने पर किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने अधिवक्ता अजय चाहर के माध्यम से नहर विभाग के इस घोटाले को न्यायालय के समक्ष रखा। न्यायालय ने इस मामले में भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय की ओर से सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता स्वदेश कुमार जैन, अधिशासी अभियंता एमएस कसाना, एसडीओ एनके त्रिपाठी, एसडीओ जोगेन्द्र पाल के अलावा जूनियर इंजीनियर ओमकार, यशवीर सिंह, फकीर चंद, बृज किशोर, विजय कुमार, कमलेन्द्र पुंडीर के साथ 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के आदेश हुए हैं। इन 11 अज्ञात लोगों में विभाग के कर्मचारी और ठेकेदार भी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ धारा क्राइम नंबर 900, 109, 120 बी, 166, 167, 217, 409, 420, 430, 466, 467, 468, 471, 477 ए, 506 सहित कुल 14 धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने रिपोर्ट दर्ज होने पर भ्रष्ट अधिकारियों पर इसे पहली जीत बताया है।